राहुल गांधी मानहानि मामले में सजा और फैसले को कल सूरत कोर्ट में देंगे चुनौती- रिपोर्ट
क्या है खबर?
मोदी सरनेम को लेकर मानहानि के दोषी ठहराए गए राहुल गांधी इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल कल सूरत सेशन कोर्ट में फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर सकते हैं।
बता दें कि सूरत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल की संसद सदस्यता चली गई है। कोर्ट ने राहुल को 2 साल की जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
मामला
क्या है पूरा मामला?
सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल को मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सांसदी रद्द कर दी थी।
राहुल ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है। इस बयान के खिलाफ सूरत में मानहानि का केस दर्ज हुआ था।
जानकारी
याचिका में राहुल ने की ये मांग
राहुल ने अपनी याचिका में सेशन कोर्ट से मानहानि मामले में उन्हें दोषी ठहराने वाले मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने मामले के निपटारे तक दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगाने के लिए भी कहा है।
फैसला
कोर्ट ने राहुल को दिया था 30 दिन का वक्त
सूरत कोर्ट ने राहुल को सजा सुनाने के बाद फौरन जमानत भी दे दी थी और 30 दिन के लिए उनकी सजा स्थगित कर दी गई थी। उन्हें फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का वक्त दिया गया था।
अब राहुल ने सेशन कोर्ट में जाने का फैसला लिया है। यहां राहुल को सजा के साथ-साथ उन्हें दोषी ठहराने वाले कोर्ट के फैसले पर भी रोक लगवानी पड़ेगी, तभी उनकी सांसदी बचेगी।
सरकारी बंगला
राहुल को मिला है सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस
लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राहुल को दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी भेजा गया है। उन्हें 22 अप्रैल तक यह बंगला खाली करना होगा।
राहुल को 12, तुगलक लेन का यह बंगला साल 2004 में तब आवंटित हुआ था, जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से सांसद चुने गए थे।
2019 में वह अमेठी से चुनाव हार गए, लेकिन वायनाड से जीत के कारण बंगला उन्हीं के पास रहा।
आरोप
भाजपा ने लगाया था अपील में जानबूझकर लेटलतीफी का आरोप
कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को सजा सुनाई थी और अपील के लिए 30 दिन का समय दिया था। इसके बाद भी राहुल ने कई दिनों तक अपील दाखिल नहीं की।
इस पर भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस कर्नाटक चुनाव से पहले इस मुद्दे को भुनाना चाहती है। इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि पार्टी जानती है कि कहां और कब अपील करनी है और उसके पास 30 दिनों का समय है।