
#NewsBytesExplainer: संसद में कल पेश होगा नया आयकर विधेयक, क्या-क्या होंगे बदलाव?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने 8 अगस्त को आयकर विधेयक, 2025 को वापस ले लिया था। इस विधेयक को इसी साल फरवरी में लोकसभा में पेश किया गया था। अब सरकार कल यानी 11 अगस्त को नया आयकर विधेयक संसद में पेश करेगी। इस विधेयक में संसद की चयन समिति द्वारा सुझाई गई कई सिफारिशों को शामिल किया गया है। आइए जानते हैं कि नए विधेयक में क्या-क्या अहम प्रावधान हैं।
सुझाव
समिति ने क्या-क्या सुझाव दिए हैं?
समिति ने परिभाषाओं को सख्त बनाने, अस्पष्टताओं को दूर करने और कानून को मौजूदा ढांचे के साथ संरेखित करने सहित 285 सुझाव दिए हैं। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "नया विधेयक लाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि हर संशोधन को अलग-अलग पेश करना और पारित कराना लंबी और मुश्किल प्रक्रिया है। यह एक सामान्य संसदीय प्रक्रिया है कि जब चयन समिति काफी सारे संशोधन की सिफारिश करती है, तब पहले वाले विधेयक को वापस लिया जाता है।"
रिफंड
समयसीमा खत्म होने के बाद दाखिल ITR पर भी मिलेगा रिफंड
समिति द्वारा सुझाया गया सबसे अहम बदलाव आयकर रिफंड से जुड़ा हुआ है। समिति ने उस प्रावधान को हटाने की सिफारिश की है, जो तारीख निकलने के बाद ITR दाखिल करने पर रिफंड देने से इनकार करता है। पुराने विधेयक में रिफंड तभी मिलता था, जब नियत तारीख से पहले ITR दाखिल होता था। समिति का कहना है कि करदाताओं को ITR की समय सीमा के बाद भी TDS रिफंड दिया जाना चाहिए, वह भी बिना किसी जुर्माने के।
धार्मिक ट्रस्ट
धार्मिक ट्रस्टों के गुमनाम दान पर नहीं लगेगा टैक्स
समिति ने सिफारिश की है कि धार्मिक ट्रस्टों द्वारा प्राप्त गुमनाम दान पर कर नहीं लागू हो। हालांकि, यह छूट उन ट्रस्टों पर लागू नहीं होगी, जो धार्मिक होने के साथ-साथ अस्पताल या स्कूल जैसी सामाजिक सेवाएं भी चला रहे हैं। नए विधेयक में कर अधिकारियों को आय निर्धारण मामलों में भी ज्यादा स्पष्टता दी गई है। उन्हें करदाताओं को नोटिस देने और उनके जवाब के बाद ही कार्रवाई करने का अधिकार होगा, जिससे मनमानी रोकने में मदद मिलेगी।
आसानी
आसान बनाई जाएगी कानूनी शब्दावली
समिति की अहम सिफारिश यह थी कि कानून की भाषा को आम आदमी के लिए आसान बनाया जाए। पुराने 1961 के अधिनियम की तकनीकी और अंग्रेजी कानूनी शब्दावली को अब आसान और सरल भाषा में बदला जाएगा। वहीं, टैक्स भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाने और सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन पूरा करने पर भी जोर दिया जाएगा। नए विधेयक में टैक्स स्लैब और दरों को अधिक सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा, ताकि आम लोग आसानी से समझ सकें।
अन्य बदलाव
इन बदलावों की भी की गई सिफारिश
नए विधेयक के खंड 148 (धारा 80M) में बदलाव का सुझाव दिया गया है। ये धारा अंतर-कॉर्पोरेट लाभांश पर कटौती से संबंधित है। यह सुझाव विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए है, जो विशेष कर दर का लाभ उठाती हैं। समिति ने करदाताओं को शून्य स्रोत पर कर कटौती (TDS) प्रमाणपत्र प्राप्त करने की अनुमति देने की सिफारिश की है। इससे करदाताओं को गैर-जरूरी टैक्स कटौती से राहत मिलेगी।
स्लैब
12 लाख तक की आय पर नहीं लगता है टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कर मुक्त आय की सीमा बढ़ाकर 12 लाख कर दी थी। मानक कटौती के 75,000 रुपये मिलाने पर ये सीमा 12.75 लाख रुपये हो जाती है। वहीं, टैक्स रिबेट की राशि भी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है।