
महाराष्ट्र: 34 NCP विधायकों के साथ भाजपा से हाथ मिला सकते हैं अजित पवार- रिपोर्ट
क्या है खबर?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार शिवसेना और भाजपा के गठबंधन वाली एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो सकते हैं।
बतौर रिपोर्ट्स, NCP के कुल 53 विधायकों में से करीब 34 विधायकों ने आतंरिक तौर पर पवार के भाजपा के साथ जाने के इरादे का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि हाल ही में पवार ने पुणे में अपने एक कार्यक्रम को भी अचानक रद्द कर दिया था।
जानकारी
किन प्रमुख चेहरों ने किया है अजित पवार का समर्थन?
अजित पवार का समर्थन करने वाले NCP विधायकों में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल और धनंजय मुंडे समेत कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं। हालांकि, NCP प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र अवध भाजपा के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं हैं।
राजनीति
अजित पवार खेमे के विधायकों ने शरद पवार से की मुलाकात- रिपोर्ट
इंडिया टुडे के मुताबिक, अजित पवार के खेमे के कुछ विधायकों ने NCP प्रमुख शरद पवार के साथ मुलाकात कर शिवसेना और भाजपा के साथ गठबंधन करने की इच्छा भी जताई है।
गौरतलब है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया था कि शरद पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बताया है कि उनकी पार्टी कभी भी भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाएगी।
कारण
भाजपा के साथ क्यों जाना चाहता है अजित पवार खेमा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अजित पवार खेमे के विधायकों को सत्तारूढ़ शिवसेना और भाजपा के गठबंधन में शामिल होने पर केंद्रीय जांच एजेंसियों से राहत मिल सकती है।
बता दें कि अजित और उनके परिवार के सदस्य प्रफुल्ल पटेल और हसन मुश्रीफ जैसे कई विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) विभिन्न मामलों में जांच कर रही है।
सत्तारूढ़ दल के साथ शामिल होने के बाद उन्हें आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी फायदा मिल सकता है।
चुनौती
फिलहाल अजित पवार के सामने हैं कई चुनौतियां
अजित पवार अभी तक NCP को तोड़कर अपने समर्थकों के साथ सीधे तौर पर शिवसेना और भाजपा के साथ गठबंधन करने का साहस नहीं जुटा पाए हैं।
उनके खेमे के कई विधायक सोचते हैं कि शरद पवार की सहमति के बिना यह कदम फलदायी नहीं होगा।
अजित पवार को यह भी डर है कि अगर शरद ने उनका साथ नहीं दिया तो उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।
समर्थन
अजित ने 2019 में फडणवीस के साथ बनाई थी सरकार
महाराष्ट्र में 2019 में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों ने संयुक्त रूप से बहुमत का आंकड़ा पार भी कर लिया था, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा में मतभेद हो गया था।
इसके बाद तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार तीन दिन के अंदर ही गिर गई थी।