मणिपुर के भाजपा विधायकों की दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ बैठक, क्या हटेगा राष्ट्रपति शासन?
क्या है खबर?
मणिपुर में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया है। यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रभारी संबित पात्रा ने विधायकों के साथ बैठक की। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान विधायकों की राय जानने की कोशिश कर रहा है। इस कदम को राज्य में लंबे समय से चल रहे राजनीतिक गतिरोध और राष्ट्रपति शासन को खत्म करने की कोशिश माना जा रहा है।
बयान
पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था- सरकार गठन पर होगी चर्चा
पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बैठक की पुष्टि करते हुए पहले कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के हर भाजपा विधायक को बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा था, "मणिपुर की स्थिति की समीक्षा के लिए भाजपा विधायकों को दिल्ली बुलाया गया है। हमें बैठक का सटीक एजेंडा नहीं बताया गया है, लेकिन इसमें सरकार गठन पर चर्चा हो सकती है। राज्य में लोकप्रिय सरकार बनाने के प्रयासों में सभी भाजपा विधायक एकजुट हैं।"
शासन
क्यों लग रही हैं राष्ट्रपति शासन हटने की अटकलें?
बड़ी संख्या में भाजपा विधायक केंद्रीय नेतृत्व पर सरकार गठन को लेकर दबाव डाल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद फिलहाल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी राज्य के दौरे पर हैं। इसे सामान्य होते हालात के संकेत के तौर पर पेश किया जा रहा है। अगले साल फरवरी में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगे एक साल हो जाएगा। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भाजपा राष्ट्रपति शासन आगे नहीं बढ़ाना चाहती।
रिपोर्ट
विधायक बोले- सरकार गठन को लेकर सब सहमत
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक विधायक ने कहा, "पहले हमारे बीच बहुत मतभेद थे, लेकिन अब लोकप्रिय सरकार को लेकर सब सहमत हैं। हालात काफी सामान्य और शांतिपूर्ण हैं। बाकी मामलों को सिर्फ एक लोकप्रिय सरकार ही संभाल सकती है। हम चाहते हैं कि यह लोकतांत्रिक तरीके से हो और केंद्रीय नेतृत्व हमसे मिले।" एक अन्य विधायक ने कहा, "अभी भी मुख्यमंत्री पद पर सभी दावा पेश कर रहे हैं, लेकिन सरकार को लेकर सभी एकजुट हैं।"
विधानसभा
क्या है मणिपुर विधानसभा की स्थिति?
मणिपुर विधानसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 60 है। फिलहाल एक सीट खाली है। भाजपा के 37 विधायक हैं। वहीं, NDA को 49 विधायकों का समर्थन है। इसमें नेशनल पीपल्स फ्रंट (NPF) के 5, NPP के 6 और JDU का एक विधायक शामिल हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को 32, NPF और कांग्रेस को 5-5, JDU को 6 और अन्य को 5 सीटें मिली थीं। बाद में JDU के 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
हिंसा
फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हिंसा नहीं रोक पाने के दबाव के चलते 9 फरवरी, 2025 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।