महाराष्ट्र: शपथ ग्रहण से पहले दूर हुई एकनाथ शिंदे की नाराजगी, उपमुख्यमंत्री बनने पर हुए राजी
महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण से पहले महायुति में खटपट बढ़ गई है। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन एकनाथ शिंदे ने धड़कनें बढ़ा दी हैं। दावा किया जा रहा है कि शिंदे अभी भी उपमुख्यमंत्री पद के लिए नहीं माने हैं और कथित तौर पर गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच भाजपा नेता गिरीश महाजन शिंदे से मिलने पहुंचे और दावा किया कि शिंदे आज उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
शिंदे को मनाने पहुंचे थे शिवसेना कार्यकर्ता
शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, "एकनाथ शिंदे हमारी विनती सुनेंगे और वह उपमुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। हमें विश्वास है, वह हमारे नेता हैं। हम चाहते हैं कि वह उपमुख्यमंत्री बनें। हम शिंदे के पास जा रहे हैं, हम उन्हें मनाएंगे और शपथ ग्रहण के लिए तैयार करेंगे। अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो हम में से कोई मंत्री नहीं बनेगा। शिवसेना नेता उदय सामंत, संजय गायकवाड, भारत गोगावले और दीपक केसरकर शिंदे को मनाने उनके आवास पहुंचे थे।
NCP-शिवसेना के निमंत्रण पत्र में शिंदे का नाम नहीं
शिंदे की नाराजगी की खबरों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का शपथ समारोह वाला निमंत्रण पत्र सामने आया है। इसमें फडणवीस और अजित पवार का नाम है, लेकिन शिंदे का नाम नहीं है। शिवसेना के निमंत्रण पत्र में फडणवीस को मुख्यमंत्री की शपथ लेने की जानकारी है, लेकिन इसमें अजित पवार का नाम नहीं है। वहीं, शिंदे गुट के निमंत्रण पत्र पर उपमुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे का नाम नहीं है। ऐसे में संशय और बढ़ गया है।
शिंदे ने कल उपमुख्यमंत्री पद को लेकर क्या कहा था?
कल यानी 4 दिसंबर को राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपने के बाद शिंदे, पवार और फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उपमुख्यमंत्री पद को लेकर शिंदे ने कहा था कि वह बताएंगे कि शपथ लेंगे या नहीं। इसके बाद शाम में फडणवीस शिंदे के आवास पर पहुंचे और उनसे मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया। इस दौरान शिंदे ने मंत्रालयों को लेकर अपनी मांगें सामने रखीं और फडणवीस ने उन्हें आश्वासन दिया कि मांगों का ध्यान रखा जाएगा।
गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े शिंदे
बताया जा रहा है कि शिंदे गृह मंत्रालय को लेकर अड़े हुए हैं, लेकिन भाजपा ये नहीं देना चाहती। जब शिंदे मुख्यमंत्री थे तो फडणवीस के पास गृह मंत्रालय था। शिवसेना का कहना है कि अगर उपमुख्यमंत्री पद शिंदे को मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी मिलना चाहिए। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा और ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। वहीं, शिवसेना को स्वास्थ्य, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य और उद्योग दिए जाने की खबरें हैं।