राहुल गांधी की संसद सदस्यता गई, उनके पास आगे क्या विकल्प हैं?
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई है, यानी अब वे सांसद नहीं रहे हैं। मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से हुई सजा के बाद आज लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस बात की सूचना दी।
मामला 4 साल पुराना है और तब कर्नाटक में एक चुनावी रैली में राहुल ने मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आइए समझते हैं कि अब राहुल के पास आगे क्या-क्या विकल्प हैं।
हाई कोर्ट
हाई कोर्ट जाने का खुला है रास्ता
राहुल के पास सूरत कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है। सूरत कोर्ट ने राहुल को इसके लिए 30 दिन का समय भी दिया है। माना जा रहा है कि राहुल हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
हालांकि, राहुल को यहां सजा के साथ ही फैसले पर भी रोक लगवानी होगी, तभी उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सकती है। हाई कोर्ट से राहत न मिलने पर वे सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं।
जानकारी
वायनाड में हो सकते हैं उपचुनाव
लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग अब इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर सकता है। राहुल को दिल्ली में सरकारी बंगला मिला हुआ है, जिसे अब खाली करने को कहा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट
अगर सुप्रीम कोर्ट से भी राहुल को राहत न मिली तो?
अगर राहुल सुप्रीम कोर्ट जाते हैं और उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिलती है तो फिर वे 8 साल के लिए चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इन 8 सालों में 6 साल लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत और 2 साल सूरत कोर्ट की ओर से मिली सजा के हैं।
ऐसा होने पर राहुल 2031 तक चुनावी मैदान से दूर रहेंगे। इस दौरान देश में 2024 और 2029 में दो लोकसभा चुनाव होने हैं।
फैसला
फैसला आते ही संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य हो गए थे राहुल
वरीष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के मुताबिक, सूरत कोर्ट के सजा सुनाने के साथ ही राहुल सांसद के तौर पर स्वत: ही अयोग्य हो गए थे।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, उसी क्षण वह संसद के लिए अयोग्य हो जाता है।
सजा
राहुल को क्यों मिली है सजा?
2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है।
उन्होंने कहा था, "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी... ऐसा कैसे है कि इन सभी का सरनेम मोदी है? सभी चोरों को सरनेम मोदी क्यों होता है?"
इस बयान पर सूरत पश्चिम के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।