
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, काफी समय से थे बीमार
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। मलिक पिछले काफी समय से बीमार थे और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने अस्पताल में दोपहर बाद 1 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी उनके एक्स अकाउंट से दी गई, जिसमें लिखा है, 'पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहें।' बता दें कि मलिक अस्पताल से भी अपने बयान जारी करते रहते थे।
ट्विटर पोस्ट
कल होगा अंतिम संस्कार
अत्यंत दुःख से यह सूचना देता हूं कि पूर्व गवर्नर सत्यपाल सिंह मलिक जी आज़ 5 अगस्त 2025 को दोपहर 1:12 बजें स्वर्ग सिधार गए। लंबी बिमारी से जुझते हुए उन्होंने आज़ अंतिम सांस ली।
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) August 5, 2025
कल सुबह 9 बजें से दोपहर 2 बजें तक आरके पुरम सोम विहार में आप उनके अंतिम दर्शन कर सकतें हैं।
उनका अंतिम…
पहचान
कभी चौधरी चरण सिंह ने माना था वारिस
उत्तर प्रदेश के बागपत में जन्में मलिक का जीवन काफी सादा रहा। उन्होंने 1968-69 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे और यहीं से राजनीतिक शुरूआत की। राममनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह से प्रभावित होकर 1974 में भारतीय क्रांति दल (बाद में लोकदल) से बागपत विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बने। चरण सिंह ने उनको अपना वारिस बताते हुए लोकदल का महासचिव बनाया था। वे लोकदल और कांग्रेस से 2 बार राज्यसभा और जनता दल से लोकसभा सांसद बने।
राजनीतिक करियर
2004 में भाजपा में आए
मलिक 2004 में भाजपा में आ गए थे और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे। वे 2017 में बिहार के राज्यपाल बने। इसके बाद 2018-2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला हुआ था। मार्च 2018 से मई 2018 तक उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। इसके बाद वे 2022 तक गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के मुखर आलोचक थे।
निधन
मई में CBI ने भ्रष्टाचार मामले में दाखिल किया था आरोपपत्र
मई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मलिक समेत 6 अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में मलिक समेत उनके 2 निजी सचिव और 3 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। यह मामला 2019 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के अनुबंध के आवंटन में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। उस समय मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। तब भी मलिक ने एक्स पर बयान दिया था।
मामला
किस मामले में CBI ने बनाया था आरोपी?
सत्यपाल मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें 2 फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसमें एक जलविद्युत परियोजना और दूसरी सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी फाइलें थीं। इसके बाद बीमा योजना का ठेके देने और परियोजना निर्माण कार्य में मलिक के भ्रष्टाचार के आरोपों पर CBI ने अप्रैल 2022 को 2 मामले दर्ज किए थे।