#NewsBytesExplainer: जेल में रहते अमृतपाल और इंजीनियर राशिद बने सांसद, कैसे संभालेंगे कामकाज?
लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इन चुनावों में केंद्रीय मंत्रियों समेत कई दिग्गज उलटफेर का शिकार हो गए हैं। इन चुनावों में एक और असाधारण बात देखने को मिली है। 2 प्रत्याशियों ने जेल में बंद रहते चुनाव लड़ा और शानदार वोटों से जीत भी दर्ज की है। अब इनके सांसद बनने के बाद सवाल हैं कि ये अपना कामकाज कैसे कर पाएंगे और क्या संसद में आ पाएंगे। आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
सबसे पहले जानिए जेल में रहते किसने जीता चुनाव
खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जिरा को 1.97 लाख वोटों से हराया है। दूसरे नेता अब्दुल रशीद शेख हैं। शेख ने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराकर बड़ा उलटफेर किया है। उन्होंने अब्दुल्ला को 2 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया है।
क्यों जेल में बंद है दोनों नेता?
अमृतपाल पर खालिस्तानी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। कथित तौर पर खुफिया एजेंसियां आशंका जता चुकी हैं कि अमृतपाल के पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से संबंध है। पिछले साल लंबी धरपकड़ के बाद पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार किया था। दूसरी ओर, शेख भी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत तिहाड़ जेल में बंद है। उन्हें आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2019 में गिरफ्तार किया था।
क्या शपथ ले सकेंगे दोनों नेता?
पिछले उदाहरणों को देखा जाए तो जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए अस्थाई रूप से जमानत या पैरोल पर रिहाई मिलती रही है। जैसे 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता अतुल राय को शपथ लेने के लिए पैरोल दी थी। 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के शपथ ग्रहण के लिए समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन को जमानत पर रिहा किया गया था।
शपथ में शामिल होने के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए तिहाड़ जेल में कानून अधिकारी के रूप में काम करने वाले वकील सुनील कुमार ने कहा, "सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष जेल अधीक्षक को शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण भेजते हैं। इसके बाद जेल अधीक्षक को दोनों को समारोह में भेजने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। अगर कोर्ट अनुमति देता है तो वो सुरक्षा उपायों की जानकारी भी देगी, जिनका पालन दोनों को ले जाते हुए करना होगा।"
संसद की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे अमृतपाल और रशीद?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में भाग लेने के लिए दोनों को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। अगर कोर्ट अनुमति देता है तो भारी सुरक्षा के बीच उन्हें संसद जाया जाएगा। एक जेल अधिकारी ने कहा, "सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) और पुलिस निरीक्षक रैंक के अधिकारी उन्हें एस्कॉर्ट करेंगे। इस दौरान दोनों को संसदीय अधिकारियों या अन्य सांसदों के अलावा किसी से भी मिलने पर प्रतिबंध होगा। मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे।"
संसदीय क्षेत्र के कामकाज कैसे करेंगे दोनों नेता?
इसका कोई निर्धारित तरीका नहीं है। सांसद चाहें तो ऑनलाइन बैठकें कर सकते हैं या अपने प्रतिनिधि के जरिए जेल में ही लोगों की समस्याएं सुन सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में जेल प्रशासन की अनुमति देने पर बहुत कुछ निर्भर करता है। अमृतपाल और शेख गंभीर आरोपों में जेल में बंद हैं, ऐसे में दोनों को कंप्यूटर या मोबाइल के इस्तेमाल या संसदीय क्षेत्र के लोगों से मुलाकात की अनुमति मिलना मुश्किल है।