अमृतपाल ने आत्मसमर्पण किया या गिरफ्तार हुआ? भिंडरांवाले के भतीजे की भूमिका भी आई सामने
36 दिन से फरार चल रहा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह आखिर रविवार सुबह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पंजाब पुलिस इसे गिरफ्तारी बता रही है, वहीं मौके पर मौजूद लोगों के कहना है कि अमृतपाल ने आत्मसमर्पण किया है। अलग-अलग वीडियोज में भी देखा जा सकता है कि अमृतपाल ने पहले गुरुद्वारे में प्रवचन दिया, उसके बाद फिर बाहर आकर आत्मसमर्पण किया। इस मामले में अब अलग-अलग थ्योरी निकलकर सामने आ रही हैं।
पुलिस का क्या कहना है?
पंजाब पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर अमृतपाल का पता लगाने के बाद इलाके की घेराबंदी की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा, "जब अमृतपाल के पास कोई विकल्प नहीं बचा तो वह गुरुद्वारे से बाहर आया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।" उन्होंने कहा कि पुलिस ने पवित्रता बनाए रखने के लिए गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं किया।
प्रत्यक्षदर्शियों का क्या कहना है?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल से बातचीत करने वाले लोगों ने दावा किया कि वो आत्मसमर्पण करने के लिए शनिवार शाम को रोडे गांव पहुंचा और पुलिस को सुबह इसकी सूचना दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अमृतपाल रविवार सुबह करीब 6 बजे 2 लोगों के साथ गुरुद्वारे में आया था। यहां उसने करीब 5 मिनट तक मंदिर में मौजूद लोगों को भाषण देने से पहले गुरुद्वारे में थोड़ी देर के लिए गुरबाणी का पाठ भी किया।
मामले में भिंडरांवाले के भतीजे की भूमिका आई सामने
अमृतपाल के आत्मसमर्पण में जरनैल सिंह भिंडरांवाले के भतीजे जसबीर सिंह की भूमिका भी सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जसबीर ने ही अमृतपाल के रोडे पहुंचने की सूचना गुप्त रूप से पुलिस को दी थी। हालांकि, जसबीर ने इन खबरों को खारिज किया है। जसबीर ने कहा, "मुझे पुलिस से पता चला कि अमृतपाल आत्मसमर्पण करने जा रहा है। आत्मसमर्पण के वक्त मैं उसके साथ था। उसे गिरफ्तार करने या आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने की खबरें झूठी हैं।"
समर्थकों के बीच आत्मसमर्पण करना चाहता था अमृतपाल
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमृतपाल की योजना थी कि वह किसी बड़े गुरुद्वारे और तख्त साहिब में समर्थकों की भीड़ के साथ आत्मसमर्पण करे। हालांकि, उसे किसी भी गुरुद्वारे में शरण नहीं मिली, जिसके बाद उसने योजना बदल दी। बाद में उसने भिंडरांवाले के गांव के गुरुद्वारे को आत्मसमर्पण के लिए चुना। यहां भी अमृतपाल की योजना दोपहर में भारी भीड़ के बीच आत्मसमर्पण करने की थी, लेकिन पुलिस ने उसे सुबह ही गिरफ्तार कर लिया।
यह अंत नहीं, शुरुआत है- अमृतपाल
आत्मसमर्पण से पहले अमृतपाल ने कहा कि ये अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है। अमृतपाल ने कहा, "मैंने जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पैतृक गांव से आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है। यहीं मेरी दस्तराबंदी की गई थी। यह अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। मुझे जल्द वापस आना है। हमारे द्वारा शुरू किया गया अमृत संस्कार और खालसा वाहिर भी फिर से शुरू किया जाएगा।" आत्मसमर्पण से पहले अमृतपाल ने भिंडरांवाले की तस्वीर के आगे बैठकर अरदास भी की।