सचिन पायलट ने साधा अशोक गहलोत पर निशाना, बोले- उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, वसुंधरा राजे
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। पायलट ने कहा कि गहलोत के धौलपुर में दिए गए भाषण को सुनने पर ऐसा लगता है कि उनकी नेता कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह भाजपा नेता वसुंधरा राजे हैं। दरअसल, गहलोत ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा की तारीफ करते हुए कहा था कि वसुंधरा की वजह से उनके खिलाफ बगावत सफल नहीं हो पाई थी।
कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं कुछ लोग- पायलट
पायलट ने कहा, "कुछ लोग चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो और उसमें फूट पड़ जाए। ये लोग कांग्रेस पर आरोप लगाकर उसे बदनाम और उसका चरित्र हनन करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे हम नाकाम करेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "धौलपुर में अशोक गहलोत का भाषण सुनकर मुझे समझ में आ रहा है कि पिछले 4.5 साल में भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जनता से बड़ा कोई नेता नहीं होता है।"
पायलट ने जन संघर्ष पदयात्रा शुरू करने का ऐलान किया
पायलट ने 11 मई से अजमेर से जन संघर्ष पदयात्रा शुरू करने का ऐलान करते हुए कहा कि वह जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने कहा, "जनता जनार्दन है, जनता के बीच जाना हम सभी का दायित्व है। मैं भ्रष्टाचार, पेपर लीक और युवाओं से जुड़े मुद्दों को उठाकर जन संघर्ष पदयात्रा निकालने जा रहा हूं। अजमेर से शुरू होकर जयपुर तक जाने वाली यात्रा करीब 125 किलोमाटर का सफर तय करेगी।"
पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ किया था अनशन
बता दें कि पायलट ने पिछले महीने गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था। उन्होंने तब भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भाजपा नेता वसुंधरा राजे के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। पायलट ने कहा था कि तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार और घोटालों के मामलों को दबा दिया गया है। पायलट ने कहा था कि उनका यह अनशन पार्टी विरोधी नहीं है और वह सिर्फ जनहित के मुद्दों को उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने वसुंधरा को लेकर क्या कहा था?
मुख्यमंत्री गहलोत ने धौलपुर में एक जनसभा के दौरान कहा था कि वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार को गिरने से बचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा था, "वसुंधरा राजे, कैलाश मेघवाल और शोभारानी की वजह से मेरी सरकार गिरने से बच गई थी। मेघवाल और वसुंधरा ने कहा था कि हमारे यहां कभी पैसे के बल पर चुनी हुई सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है। मैं इसे कभी भूल नहीं सकता।"
वसुंधरा ने गहलोत के दावे को किया था खारिज
वसुंधरा ने मुख्यमंत्री गहलोत के दावे को खारिज करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, "गहलोत अपने बयान के जरिए मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने ऐसा बयान देकर मेरा अपमान किया है, जो राजस्थान की राजनीति में पहले किसी ने नहीं किया है।" केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत पर पलटवार करते हुए उन्हें झूठा बताया था। उन्होंने कहा था कि गहलोत अपने विरोधी खेमे को गद्दार साबित करना चाहते हैं।
पायलट ने की थी गहलोत सरकार के खिलाफ की थी बगावत
पायलट वर्ष 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करते हुए कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर हरियाणा के मानेसर चले गए थे। पायलट के समर्थन वाले विधायकों ने गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग भी की थी। हालांकि, कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद पायलट ने बगावत खत्म कर दी थी और गहलोत सरकार गिरने से बच गई थी। गहलोत ने अपने भाषण में इसी बगावत का जिक्र किया था।