अरुंधति भट्टाचार्य से सीखने को मिल सकते हैं जीवन से जुड़े 5 अहम सबक
अरुंधति भट्टाचार्य भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की पहली महिला चेयरपर्सन बनीं। उनके नेतृत्व में बैंक ने कई अहम बदलाव देखे। उन्होंने अपने अनुभव और नजरिए से बैंक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार हुआ और पारदर्शिता को बढ़ावा मिला।भट्टाचार्य के नेतृत्व से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। आइए उनके नेतृत्व के पांच अहम सबक जानते हैं, जो हमें बेहतर नेता बनने में मदद कर सकते हैं।
आत्मविश्वास बनाए रखें
भट्टाचार्य का मानना है कि आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। उन्होंने हमेशा अपने निर्णयों पर विश्वास रखा और कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोया। आत्मविश्वास से ही आप अपनी टीम को प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। भट्टाचार्य ने खुद भी आत्मविश्वास के साथ काम किया और अपनी टीम को भी इसी दिशा में मार्गदर्शन दिया। एक अच्छे नेता के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है।
नवाचार को अपनाएं
भट्टाचार्य ने अपने कार्यकाल में कई नवाचारी कदम उठाए, जैसे डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार और नई तकनीकों को अपनाना। उनका मानना था कि समय के साथ चलने और नई तकनीकों को अपनाने से ही संगठन आगे बढ़ सकता है। इसलिए, एक अच्छे नेता को हमेशा नए विचारों और तकनीकों के लिए खुला रहना चाहिए और उन्हें अपनी टीम में भी लागू करना चाहिए ताकि संगठन की प्रगति सुनिश्चित हो सके। नवाचार से ही संगठन की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।
टीमवर्क पर जोर दें
भट्टाचार्य ने हमेशा टीमवर्क पर जोर दिया। उनका कहना था कि एक व्यक्ति अकेले कुछ नहीं कर सकता, लेकिन एक मजबूत टीम किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों की क्षमताओं पर विश्वास किया और उन्हें स्वतंत्रता दी जिससे वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें। भट्टाचार्य ने टीम के साथ मिलकर काम करने की अहमियत को समझा और इसे अपने नेतृत्व में लागू किया।
पारदर्शिता बनाए रखें
भट्टाचार्य ने अपने कार्यकाल में पारदर्शिता को बहुत अहमियत दी। उन्होंने सभी निर्णयों में स्पष्टता रखी और अपनी टीम तथा ग्राहकों के साथ ईमानदारी बरती। उनके नेतृत्व में बैंक की साख मजबूत हुई और विश्वास बढ़ा। पारदर्शिता से संगठन के सभी सदस्यों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिला, जिससे टीम का मनोबल भी बढ़ा। एक अच्छे नेता के लिए पारदर्शिता बहुत जरूरी है क्योंकि इससे संगठन में विश्वास और सहयोग की भावना बढ़ती है।
निरंतर सीखते रहें
भट्टाचार्य का मानना था कि सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती। उन्होंने खुद भी लगातार नई चीजें सीखी और अपनी जानकारी को अद्यतन रखा। एक अच्छे नेता को हमेशा ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह बदलते समय के साथ तालमेल बिठा सके। इन पांच सबकों से हम सभी अपने जीवन में बेहतर नेतृत्व कौशल विकसित कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।