विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी की फिल्म 'बैड न्यूज' में प्रदर्शित हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन क्या है?
विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क की फिल्म 'बैड न्यूज' 19 जुलाई को रिलीज होने वाली है। इस फिल्म का ट्रेलर और गाने इंटरनेट पर छा गए हैं। 'बैड न्यूज' फिल्म की कहानी एक बेहद दुर्लभ स्थिति पर आधारित है, जिसका नाम हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन होता है। इस स्वास्थ्य संबंधी स्तिथि में मां जुड़वां बच्चों को जन्म देती है, लेकिन दोनों के पिता अलग-अलग होते हैं। आज हम आपको 'बैड न्यूज' में प्रदर्शित हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन के बारे में बताएंगे।
जानिए क्या होता है हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकुंडेशन?
हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकुंडेशन एक बेहद दुर्लभ स्वास्थ्य स्थिति होती है, जहां एक महिला एक ही चक्र में 2 अंडे जारी करती है। प्रत्येक अंडे को अलग-अलग मर्दों के शुक्राणु द्वारा फर्टिलाइज किया जा सकता है। इसके बाद मां जुड़वां बच्चों को जन्म देती है, जो आनुवंशिक रूप से सौतेले भाई-बहन होते हैं। उनकी मां एक ही होती है, लेकिन पिता अलग-अलग होते हैं। सुपरफेकुंडेशन शब्द फीकुंड से लिया गया है, जिसका मतलब है संतान पैदा करने में सक्षम होना।
400 में से एक जुड़वां बच्चों का जोड़ा इस स्थिति से होता है पैदा
आम तौर पर ओव्यूलेशन के दौरान हर एक चक्र में ओवरी से एक अंडा जारी होता है। हालांकि, इस स्थिति में कुछ ही दिनों या घंटों के अंतराल में 2 अंडे निकल जाते हैं। इसके बाद कुछ घंटों या कुछ दिनों के भीतर प्रत्येक अंडाणु पुरुष के शुक्राणु द्वारा फटलाइन हो जाता है। आंकड़े बताते हैं कि जुड़वा बच्चों के 400 जोड़ों में से एक का जन्म हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन के माध्यम से हो सकता है।
इस स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को हो सकते हैं कई चिकित्सीय जोखिम
यह स्थिति अपने आप में कोई चिकित्सीय जोखिम नहीं है, लेकिन हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन वाली गर्भवती महिलाओं को अधिक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इनमें बढ़ा हुआ रक्तचाप, मधुमेह, प्री-एक्लेमप्सिया, समय से पहले जन्म, वजन घटना और कमजोरी जैसे जोखिम शामिल हैं। इन जोखिमों के प्रबंधन के लिए गर्भवती महिला को नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस दौरान मां का शरीर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करता है, जो जच्चा-बच्चा दोनों को प्रभावित कर सकता है।
हेटेरोपैटरनल सुपरफेकुंडेशन के असल जिंदगी में पाए गए मामले
2022 में ब्राजील की एक 19 वर्षीय महिला तब सुर्खियों में आईं थीं, जब उन्होंने अलग-अलग पिताओं के साथ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। पितृत्व परीक्षण के बाद उन्हें पता चला था कि केवल एक बच्चा उसके साथी के DNA से मेल खाता है। एक और मामला 2015 में न्यू जर्सी से सामने आया था। यह मामला अदालत तक पहुंच गया था, जिसमें फैसला सुनाया गया कि प्रत्येक पिता अपने-अपने DNA वाले बच्चे का पालन-पोषण करेंगे।