सर्दियों में बच्चों को हाइड्रेट रखने के लिए अपनाएं ये तरीके

सर्दियों में कम पानी पीने के कारण बच्चों को डिहाइड्रेशन के साथ-साथ कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हर मौसम की तरह इस मौसम में भी बच्चों के शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है। खासकर, अगर आपका बहुत छोटा है और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की पूरी जिम्मेदारी आपके ऊपर है तो उसे हाइड्रेट रखने की पूरी कोशिश करें। आइए आज सर्दियों में बच्चों को हाइड्रेट रखने के तरीके जानते हैं।
सर्दियों में बड़े न तो खुद पानी के सेवन पर ध्यान देते हैं बल्कि बच्चों को भी पानी पिलाना भूल जाते हैं, लेकिन इस मौसम में भी बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना जरूरी है। आप चाहें तो बच्चों को पानी के साथ-साथ अन्य पेय पदार्थ भी पिला सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि पेय पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक होने चाहिए। इसके लिए आप बच्चे की डाइट में नारियल पानी, फलों का रस और स्मूदी आदि को शामिल कर सकते हैं।
ठंड के मौसम में बच्चे को सूप का सेवन करवाना भी बेहतर विकल्प है क्योंकि यह न सिर्फ बच्चे को हाइड्रेट रखने में मदद करेगा बल्कि इससे उन्हें गर्माहट भी महसूस होगी। आप बच्चे को खीरे का सूप या टमाटर का सूप बनाकर पिला सकते हैं क्योंकि ये सब्जियां उन्हें हाइड्रेट रखने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, सूप में नमक के अलावा कोई अन्य मसाले न डालें क्योंकि इससे बच्चे के पेट में जलन हो सकती है।
आप चाहें तो सर्दियों में बच्चे को हाइड्रेट रखने के लिए उनकी डाइट में फ्रूट पल्प यानी फल का गूदा शामिल कर सकते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि फल में पानी की अच्छी मात्रा होती है, जिससे बच्चे का शरीर हाइड्रेटेड रहेगा। हालांकि, ध्यान रखें कि आप बच्चे को अगर फ्रूट पल्प दे रहे हैं तो उसे रूम टेम्प्रेचर पर ही दें क्योंकि यह बच्चे के शरीर के अंदरूनी तापमान को ठीक रखेगा।
अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है तो सर्दियों में उसे डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने के लिए स्तनपान करवाएं। स्तनपान की मदद से बच्चे को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए मां बच्चे को दिन में कई बार स्तनपान करवा सकती हैं। इससे बच्चे का शरीर हाइड्रेटेड भी रहेगा और ठंड के मौसम में उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहेगी। वहीं, इससे उसके मानसिक स्वास्थ्य को भी कई लाभ मिलेंगे।
बच्चे को छह महीने तक तो पानी पिलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस दौरान सिर्फ मां का दूध ही बच्चे के लिए फायदेमंद है। आप चाहें तो सातवें महीने से बच्चे को पानी देना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे को लगभग 118 से 236ml पानी दिया जा सकता है। वहीं, एक से दो साल से ऊपर के बच्चे को पांच से छह गिलास पानी पिलाना जरूरी है।