मस्कुलोस्केलेटल विकार से राहत पाने के लिए करें ये 5 योगासन
क्या है खबर?
मस्कुलोस्केलेटल विकार शरीर की मांसपेशियों, नसों या जोड़ों में चोट से होता है।
ऑफिस में लगातार बैठकर काम करने जैसे कई कारणों से इस विकार के विकसित होने का खतरा होता है और इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
इससे बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। इसके लिए आप अपनी व्यस्त जिंदगी से कुछ समय निकालकर घर पर योगासन कर सकते हैं।
आइये आज ऐसे 5 योग जानते हैं, जिनके अभ्यास से इससे बचा जा सकता है।
#1
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
इस योगासन से घुटने के जोड़ मजबूत होते हैं। इसका अभ्यास करने के दौरान आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
#2
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को 3-4 फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैला लें।
अब दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर सीधी अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इसी प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
#3
उत्तानासन
इस योग के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद कूल्हों की तरफ से आगे की ओर मुड़ते हुए नीचे की ओर झुकें।
ध्यान रहे कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपके कूल्हे और घुटने मजबूत होंगे।
#4
मार्जरी आसन
सबसे पहले जमीन पर दोनों घुटनों और दोनों हाथों के बल पर बिल्ली जैसी मुद्रा में आ जाएं।
अब एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं और अपनी नाभि को रीढ़ की ओर खींचें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं और मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने की कोशिश करें।
अब शरीर के तनाव और उसे दूर करने पर ध्यान दें।
#5
उत्थित त्रिकोणासन
सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान दाहिना पैर के पंजे 90 डिग्री पर बाहर की ओर हो और बाएं पैर के पंजे 15 डिग्री पर रखें।
अब कमर को सीधे रखते हुए शरीर को कूल्हों के नीचे से दाहिनी तरफ मोड़ें। इसके बाद बाएं हाथ को छत की ओर ऊपर उठाएं और दाहिने हाथ से जमीन को छुएं।
दोनों हाथ मिलकर एक सीधी लाइन बनाएंगे। इसके बाद इसे विपरीत दिशा से दोहराएं।