सेहत के लिए बेहद लाभकारी होती है तोरई, डाइट में जरूर करें शामिल
आमतौर पर कई लोग तोरई खाने से बचते हैं और इसका मुख्य कारण है इसका स्वाद। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं तो आपको बता दें कि तोरई ऐसे कई पोषक तत्वों से समृद्ध मानी जाती है जो आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा करते हैं। इसके अलावा इसका सेवन कई तरह की बीमारियों से राहत दिलाने में भी सहायता कर सकता है। चलिए फिर आज तोरई खाने के कुछ फायदों के बारे में जानते हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करने में है सहायक
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, तोरई में एथनॉलिक नामक एक खास अर्क मौजूद होता है जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम करके मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद कर सकता है। इसके अलावा तोरई में एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं जो टाइप-2 मधुमेह के जोखिमों से कुछ हद तक राहत दिलाने में कारगर हो सकते हैं।
आंखों को सुरक्षित रखने में भी है कारगर
बढ़ती उम्र के साथ-साथ आंखें भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में आंखों की कमजोरी को दूर करने में तोरई का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, तोरई में विटामिन-सी और विटामिन-ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये विटामिन्स उम्र बढ़ने के कारण आंखों में होने वाली समस्याओं से राहत प्रदान करती हैं। इसी के साथ तोरई में मौजूद जिंक आंखों के रेटिना को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा कर सकता है।
वजन से दिलाती है राहत
बढ़ते वजन को आम समस्या समझना बिल्कुल गलत है क्योंकि बढ़ता वजन अपने साथ अन्य कई बीमारियों को भी लाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कोशिश करें। इस काम में तोरई आपकी मदद कर सकती है क्योंकि इसमें फाइबर मौजूद होता है। इसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा-भरा रहता है जिससे कुछ और खाने की इच्छा कम होती है और वजन नियंत्रित रहता है।
अस्थमा रोगियों के लिए भी लाभदायक है तोरई
अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा या फिर सांस से संबंधित अन्य कोई समस्या है तो उसके लिए तोरई का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है। रिसर्चगेट नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, तोरई में ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक हैं। हालांकि हमारी सलाह है कि तोरई को अस्थमा का पूर्ण इलाज न मानें और इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी इलाज जरूर कराएं।