एक्वेरियम से जुड़े इन भ्रमों को सच मानते हैं लोग, जानिए इनकी सच्चाई
कई लोग अपने घर पर तरह-तरह की मछलियों और वॉटर प्लांट से भरा एक्वेरियम रखना पसंद करते हैं और इससे घर की सजावट में चार चांद लग जाते हैं। हालांकि जैसे-जैसे मार्केट में एक्वेरियम की वैरायटी बढ़ती जा रही हैं, वैसे-वैसे लोगों के मन में इससे जुड़े कई भ्रम घर करते जा रहे हैं, लेकिन इनकी सच्चाई कुछ अलग ही है। चलिए फिर आज एक्वेरियम से जुड़े ऐसे ही कुछ भ्रमों और उनकी सच्चाई के बारे में जानते हैं।
भ्रम- एक्वेरियम को मेंटेन करना काफी महंगा होता है
कई लोगों का ऐसा मानना है कि एक्वेरियम को मेंटेन करना काफी महंगा होता है, लेकिन यह सिर्फ एक भ्रम से ज्यादा और कुछ नहीं है। वास्तव में एक्वेरियम जितना बड़ा होता है, इसे मेंटेन करने में उतना ही कम खर्च होता है। एक्वेरियम को मेंटेन रखने के लिए केवल फिश फूड और फिल्ट्रेशन पर थोड़ा बहुत खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा इसे केवल पर्याप्त प्रकाश की जरूरत होती है।
भ्रम- एक्वेरियम का पानी हर रोज बदलना पड़ता है
शायद यह सबसे आम भ्रम है कि एक्वेरियम का पानी हर रोज बदलना पड़ता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। दरअसल, अगर आप एक्वेरियम का पानी रोजाना बदलते हैं तो इससे आपकी मछलियां मर सकती हैं। यही नहीं, एक्वेरियम के पानी को कभी भी पूरी तरह से नहीं बदलना चाहिए क्योंकि पानी को पूरी तरह से बदलना भी मछलियों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा अगर आप हर सप्ताह सिर्फ 10-20 प्रतिशत पानी को ही बदलें।
भ्रम- एक्वेरियम से प्रकृति को नुकसान पहुंचता है
यह भी कुछ लोगों का सिर्फ एक भ्रम है कि अगर वह घर में मछलियों से भरा एक्वेरियम रखते हैं तो इससे वह प्राकृतिक वातावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सच बात तो यह है कि दुकानों पर बेची जाने वाली मछलियां वहीं पैदा की जाती हैं और इस कारण वे प्राकृतिक परिवेश में जीवित नहीं रह पाती हैं। इन मछलियों को वापस झील या नदी में छोड़ने से पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) खराब हो सकता है।
भ्रम- बिगनर्स के लिए छोटे टैंक को ही चुनना बेहतर है
एक्वेरियम से जुड़ा एक भ्रम यह भी है कि अगर कोई बिगनर (नौसिखिया) घर में मछलियां रखना चाहता है तो उसके लिए छोटे आकार का एक्वेरियम बेहतर होगा, लेकिन यह गलत है। अगर आपको एक्वेरियम रखने का शौक है तो आपको छोटे एक्वेरियम को नहीं चुनना चाहिए क्योंकि छोटे एक्वेरियम को मेंटेन करना बहुत मुश्किल होता है। इसके अलावा छोटे एक्वेरियम में मछलियों को कम जगह मिलती है और इससे उनके मरने का खतरा रहता है।