फेफड़ों को स्वस्थ रखने में कारगर हैं ये मसाले और जड़ी-बूटियां, डाइट में करें शामिल
सर्दियां आते ही सांस संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ऐसे में फेफड़ों को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसके लिए घर से बाहर जाते समय अपने मुंह को मास्क से ढकें, गहरी सांस लेने वाले व्यायाम करें और डाइट में मसालों समेत जड़ी-बूटियों से युक्त व्यंजनों को शामिल करें। दरअसल, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर जड़ी-बूटियां और मसाले फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं। लाभ के लिए इन मसालों और जड़ी-बूटियों का रोजाना किसी भी रूप में उपयोग करें।
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन नामक एक खास तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स यौगिक की तरह काम करके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। हल्दी वायुमार्ग में सूजन को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। इसके अलावा यह अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी फेफड़ों की बीमारियों को रोकने में भी मदद कर सकती है। यहां जानिए हल्दी के फायदे।
तुलसी
तुलसी एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, जिंक और विटामिन-C की उच्च मात्रा होती है। यह प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा को बढ़ाती है। इसके अतिरिक्त तुलसी एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को प्रदर्शित करती है, जो श्वसन स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं। तुलसी के पत्तों के रस और शहद का मिश्रण पीने से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, इन्फ्लूएंजा, खांसी और सर्दी का इलाज किया जा सकता है। यहां जानिए तुलसी का पानी पीने के फायदे।
पिप्पली
पिप्पली सर्दी और खांसी के इलाज के लिए एक प्रभावी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद के अनुसार, यह श्वसन तंत्र के लिए वरदान है। इसका कारण है कि यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करने के अलावा कफनाशक, वातनाशक और संक्रमण-विरोधी गुणों से समृद्ध होती है। लाभ के लिए शहद के साथ या नियमित आहार के हिस्से के रूप में पिप्पली पाउडर का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
अदरक
अपने सुखदायक गुणों के लिए जाना जाने वाला अदरक खांसी और कंजेशन जैसे श्वसन संबंधी लक्षणों से राहत दिला सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव भी होते हैं, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा लहसुन भी फेफड़ों के लिए लाभदायक माना जाता है। यह श्वसन संक्रमण से लड़ने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इस प्रकार यह समग्र फेफड़ों के स्वास्थ्य में योगदान देता है।
वसाका
वसाका भी एक जड़ी-बूटी है और इसे अधतोदावासिका या मालाबार नट भी कहा जाता है। यह श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार है। यह श्वसन प्रणाली के एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती है, फेफड़ों को साफ करती है और ब्रोंकाइटिस और अन्य फेफड़ों की बीमारियों का इलाज करते हुए ब्रोन्कोडायलेशन को बढ़ाती है। खांसी और सर्दी से राहत पाने के लिए वसाका का जूस पीएं।