नियमित एक्सरसाइज करने से मिल सकती है पार्किंसंस रोग के इलाज में मदद- अध्ययन
क्या है खबर?
पार्किंसंस रोग एक गति और मनोदशा संबंधी विकार है, जो दिमाग में तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसके दौरान कंपकंपी, अकड़न और चलने में कठिनाई जैसे लक्षण नजर आते हैं। यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता है और इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि, एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से पार्किंसंस रोग के उपचार में मदद मिलती है। जानिए एक्सरसाइज से इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या को कैसे ठीक किया जाता है।
अध्ययन
क्या था इस अध्ययन का उद्देश्य?
इस अध्ययन को यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स और VA नॉर्थईस्ट ओहियो हेल्थकेयर सिस्टम में क्लीवलैंड फंक्शनल इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन (FES) सेंटर के माध्यम से किया गया था। इसे 'क्लीनिकल न्यूरोपिसिओलोग्य' में प्रकाशित भी किया गया था। यह दर्शाता है कि एक्सरसाइज करने का पार्किंसंस रोग के मरीजों के मस्तिष्क संकेतों पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। 2000 में शोधकर्ताओं ने पहली बार दिखाया था कि एक्सरसाइज पार्किंसंस रोग में होने वाले कंपन से राहत दिलाती है। हालांकि, वह कारण नहीं जान पाए थे।
प्रक्रिया
कैसे किया गया यह अध्ययन?
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के मस्तिष्क की रिकॉर्डिंग के लिए उत्तेजना उपकरणों का उपयोग किया। रिकॉर्डिंग के जरिए यह आकलन करने की कोशिश की गई कि एक्सरसाइज रूटीन पार्किंसंस रोग के कारण क्षतिग्रस्त हुए कनेक्शनों को किस प्रकार दोबारा सक्रिय करता है। पार्किंसंस रोग से पीड़ित प्रतिभागियों को 4 सप्ताह की अवधि में 12 साइकिलिंग सत्रों में भाग लेने के लिए कहा गया था। अनुकूली साइकिलिंग रेजिमेन प्रौद्योगिकी के जरिए पता चला कि साइकिल चलाते समय मरीज कैसा प्रदर्शन करते हैं।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
एक्सरसाइज के हर सत्र के पहले और बाद में खास उपकरण से प्रतिभागियों के मस्तिष्क संकेतों का आकलन किया गया। शुरुआत में कोई बदलाव नहीं देखे गए, लेकिन 12 सत्रों के बाद मोटर नियंत्रण और गति के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क संकेतों में अहम परिवर्तन दिखाई दिया। अध्ययन के मुताबिक, आधुनिक प्रणालियां मस्तिष्क की गतिविधियों में एक नई झलक प्रदान करती हैं, लेकिन वे केवल उन क्षेत्रों से संकेतों को पकड़ने तक ही सीमित हैं जहां इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित किए जाते हैं।
मरीज
अध्ययन का हिस्सा रहीं मरीज ने क्या कहा?
59 वर्षीय अमांडा मैंडी एन्समैन को 12 साल पहले पार्किंसंस रोग का पता चला था। वह इस अध्ययन का हिस्सा बनी थीं। उन्होंने बताया, "मुझे पता था कि मुझे एक्सरसाइज करनी होगी। इससे वाकई बहुत फर्क पड़ता है।" उन्होंने आगे कहा, "साइकिल चलाने से मुझे कई तरह के लक्षणों से निपटने में मदद मिली, जिनमें मेरी चाल और ऊर्जा का स्तर भी शामिल है।" मैंडी अब नियमित रूप से फिजियोथेरेपी में भाग लेती हैं और एक्सरसाइज भी करती हैं।