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शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों की संज्ञानात्मक क्षमता औसतन होती है बेहतर, अध्ययन में खुलासा

शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों की संज्ञानात्मक क्षमता औसतन होती है बेहतर, अध्ययन में खुलासा

लेखन सयाली
Aug 11, 2025
12:25 pm

क्या है खबर?

रोजाना शारीरिक गतिविधियां करना सभी के लिए जरूरी है। जो लोग ऐसा नहीं करते उनका शरीर कमजोर हो जाता है और हड्डियों की मजबूती प्रभावित होती है। हालांकि, नियमित रूप से एक्सरसाइज करने वाले लोगों का शरीर स्वस्थ बना रहता है। अब एक नए अध्ययन से सामने आया है कि शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों की संज्ञानात्मक क्षमता औसतन थोड़ी बेहतर होती हैं। यानि कि उनका दिमाग तेज चलता है और उनकी सोचने-समझने की क्षमता और याददाश्त बेहतर होती है।

अध्ययन

शारीरिक गतिविधि और संज्ञानात्मक क्षमताओं के बीच खोजा गया संबंध

इस रिसर्च पेपर को 'जीवनकाल में शारीरिक गतिविधि का संदर्भ संज्ञान से कैसे संबंधित है: एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण' नाम दिया गया था। मायर्टो एफ माविलिडी नामक शोधकर्ता ने इसका नेतृत्व किया था और इस अध्ययन को 'साइकोलॉजिकल बुलेटिन' पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसमें एक के बजाय कई अध्ययन शामिल थे, जिन्हें मिलाकर एक मेटा-विश्लेषण तैयार किया गया था। सामने आया कि शारीरिक गतिविधि जीवनभर संज्ञानात्मक प्रदर्शन को फायदा पहुंचा सकती है।

उद्देश्य

क्या था इस अध्ययन का उद्देश्य?

माविलिडी और उनके सहयोगियों का उद्देश्य शारीरिक गतिविधि और संज्ञान के बीच संबंध पर मौजूदा अध्ययनों के निष्कर्षों को इखट्टा करना था। साथ ही वह यह भी जांचना चाहते थे कि यह संबंध भौतिक और सामाजिक वातावरण, वितरण माध्यम, वितरण शैली और जीवन क्षेत्र जैसे कारकों पर कैसे निर्भर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने कम तीव्रता वाली एकल और नियमित रूप से की जाने वाली दीर्घकालिक शारीरिक गतिविधि के बीच भी अंतर किया था।

प्रक्रिया

इस तरह किया गया यह अध्ययन

शोधकर्ताओं ने शारीरिक गतिविधि हस्तक्षेपों पर मूल डाटा प्रस्तुत करने वाले अध्ययनों के लिए ERIC, APA साइकइन्फो, पबमेड, स्कोपस और स्पोर्टडिस्कस की जांच की। उन्होंने व्यायाम की तीव्रता, अवधि, प्रकार और संज्ञानात्मक मांग का परीक्षण किया। उन्होंने प्रतिभागियों की आयु, हस्तक्षेप के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, अध्ययन की रूपरेखा और प्रतिभागियों की किसी विशेषता को भी ध्यान में रखा। खोज के बाद 16,515 रिकॉर्ड सामने आए और स्क्रीनिंग के बाद 239 अध्ययन मेटा-विश्लेषण के मानदंडों पर खरे उतरे।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

ये सभी अध्ययन 1989 और 2023 के बीच प्रकाशित हुए थे, जिनमें कुल 48,625 प्रतिभागी शामिल थे। प्रतिभागियों की औसत आयु 4 से 85 साल के बीच थी। परिणामों से पता चला कि नियमित शारीरिक गतिविधि का संज्ञान पर थोड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ा। सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव समग्र गति अभ्यासों और मार्शल आर्ट में देखे गए। इसके बाद खेल-कूद जैसी मोटर-संज्ञानात्मक गतिविधियों का असर सबसे ज्यादा था। आउटडोर गतिविधियों से भी अच्छे प्रभाव देखने को मिले।

निष्कर्ष

नियमित एक्सरसाइज से ऐसे सुधरता है मस्तिष्क का स्वास्थ्य

नियमित एक्सरसाइज मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है, जिससे मस्तिष्क के कार्य के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद मिलती है। अध्ययन के मुताबिक, एरोबिक और प्रतिरोध प्रशिक्षण स्मृति और ध्यान में सुधार कर सकते हैं। बच्चों में शारीरिक गतिविधि शैक्षणिक प्रदर्शन और एकाग्रता को बेहतर बनाती है। वहीं, वयस्कों में यह उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट को धीमा करने और अल्जाइमर रोग जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।