स्टीम मोमो को लोग मानते हैं बाकि जंक फूड की तुलना में स्वस्थ, जानिए क्यों
क्या है खबर?
आप भारत की किसी भी गली में चले जाएं, ज्यादातर में आपको एक स्ट्रीट फूड जरूर मिल जाएगा। हम बात कर रहे हैं स्टीम मोमो की, जो भारतियों का पसंदीदा है। यह मैदे से बने डम्पलिंग होते हैं, जिनमें सब्जियां और प्रोटीन की फिलिंग की जाती हैं। इसके बाद उन्हें स्टीम किया जाता है और चटनी के साथ खाया जाता है। इन्हें बाकि जंक फूड की तुलना में स्वस्थ माना जाता है। आइए जानते हैं इसका क्या कारण है।
#1
मोमो होते हैं स्टीम
खाना पकाने का सबसे स्वस्थ तरीका होता है उसे स्टीम करना। मोमो भी इसी तरीके से बनाए जाते हैं, जिस कारण से इसे स्वस्थ माना जाता है। अगर आप डाइट के दौरान कुछ चटपटा खाना चाहते हैं तो आपको मोमो ही चुनने चाहिए। इन्हें बनाते समय किसी भी प्रकार का तेल या मसाला इस्तेमाल नहीं होता है, जिसके कारण इसका ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, मैदा होने की वजह से इसे ज्यादा न खाएं।
#2
वसा और कैलोरी होती हैं कम
जैसा कि हमने पहले बताया, मोमो को स्टीम करके बनाया जाता है। इसकी वजह से इस जंक फूड में बहुत कम कैलोरी होती हैं। सब्जियों वाले 6 स्टीम मोमो में आमतौर पर 180-220 कैलोरी होती हैं। इसके अलावा इस खाद्य पदार्थ में वसा भी नहीं होती है, क्योंकि इसे बिना तेल के तैयार किया जाता है। हालांकि, इसे रोजाना खाना या जरूरत से ज्यादा खाना हानिकारक होगा। इसीलिए हफ्ते में एक बार ही इसका सेवन करें।
#3
स्वस्थ सामग्रियां होती हैं शामिल
मोमो में आम तौर पर सब्जियों की स्टफिंग की जाती है। इनमें पत्तागोभी, गाजर, शिमला मिर्च, प्याज, अदरक और लहसुन आदि शामिल होती हैं। इसमें प्रोटीन बढ़ाने के लिए पनीर, सोया और मशरूम भी भरा जाता है। इन सभी सामग्रियों का सेवन करने से फाइबर की मात्रा बढ़ सकती है और पेट को नुकसान भी नहीं होता है। आप इसमें अपनी पसंद की अन्य सब्जियां भी शामिल कर सकते हैं।
#4
घर पर बनाना है आसान
मोमो नेपाल का पारंपरिक पकवान है, जिसे आप घर पर आसानी से बना सकते हैं। घर पर बना खाना हमेशा सेहतमंद माना जाता है। इसे घर पर बनाते समय ताजा सब्जियों और सामग्रियों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा आप चाहें तो मैदे की जगह गेहूं के आटे से भी मोमो की परत बना सकते हैं। इसकी वजह से यह स्ट्रीट फूड और भी ज्यादा सेहतमंद बन जाएगा। आप मोमो को इस तरह पौष्टिक बना सकते हैं।