प्रतिदिन 15-20 मिनट धीमी गति से दौड़ने से मिल सकते हैं कई फायदे
क्या है खबर?
क्या आपका मानना है कि तेज गति में दौड़ने या तेजी से कसरत करना ही फिटनेस और समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है?
हालांकि, ऐसा नहीं है। अगर आप प्रतिदिन 15 से 20 धीमी गति में दौड़ने का नियम बना लेते हैं तो इससे कई लाभ मिल सकते हैं।
यह एक्सरसाइज खासतौर से उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प हो सकती है, जो मोटापे या ऑस्टियोआर्थराइटिस से ग्रस्त हैं।
आइए धीमी गति से दौड़ने के फायदे जानते हैं।
#1
हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में है सहायक
धीमी गति से दौड़ना हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका हो सकता है।
यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत, ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित और परिसंचरण में सुधार करने में मदद कर सकता है।
साथ ही इस कम प्रभाव वाली एक्सरसाइज को रोजाना करने से हृदय का दौरा, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
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#2
सहनशक्ति को बढ़ाने में है प्रभावी
धीमी गति से दौड़ने से सहनशक्ति में काफी सुधार हो सकता है।
धीरे-धीरे अपनी दौड़ की अवधि बढ़ाने से आप खुद को बिना थकावट महसूस किए लंबी दूरी तय करने में सक्षम पाएंगे।
इसके अतिरिक्त धीमी गति में दौड़ने से ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन के स्तर में सुधार हो सकता है। साथ ही इससे आप खुद को दिनभर ऊर्जावान भी महसूस कर पाएंगे।
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#3
मानसिक स्वास्थ्य के लिए हो सकता है लाभदायक
धीमी गति में दौड़ने से मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर हो सकता है।
दसअसल, धीमी गति में दौड़ते समय सांस पर ध्यान केंद्रित करने से एकाग्रता क्षमता में सुधार हो सकता है।
साथ ही जब आप धीमी गति में दौड़ते हैं तो आपका शरीर एंडोर्फिन रिलीज करता है।
एंडोर्फिन एक ऐसा रसायन है, जो दर्द और तनाव को कम कर सकता है और आपको सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करने में मदद कर सकता है।
#4
चोट का खतरा हो सकता है दूर
धीमी गति से दौड़ने की सौम्य प्रकृति उच्च तीव्रता वाली दौड़ की तुलना में आपके जोड़ो और मांसपेशियों पर कम तनाव डालती है, इसलिए यह ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज हो सकती है।
इसके अतिरिक्त धीमी गति में दौड़ने से चोटों का रोकने और तेजी से रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
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#5
पाचन क्रिया के लिए हो सकता है फायदेमंद
धीमी गति में दौड़ने से पेट की मांसपेशियों और अंगों की मालिश हो जाती है। इससे पाचन को सक्रिय करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा ऐसे लोग जो आंत्र प्रवाह में समस्याओं का अनुभव करते हैं, उनके लिए भी यह शारीरिक गतिविधि काफी उपयोगी है।
साथ ही धीमी गति में दौड़ने पर मांसपेशियों को अधिक ग्लूकोज की जरूरत होती है, जिससे खून में शुगर का स्तर कम होता है। इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक एक्सरसाइज है।