सन डैमेज क्या है और इससे कैसे निपटा जा सकता है?
उम्र बढ़ने के साथ-साथ धूप में रहना त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है और लालिमा, जलन और दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि आजकल धूप से त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों की मांग बढ़ रही है। वैसे धूप के अधिक संपर्क में रहने से त्वचा को सन डैमेज का खतरा हो जाता है। आइए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
सन डैमेज क्या है?
सन डैमेज या फोटोएजिंग तब होता है, जब त्वचा सूरज की हानिकारक UV किरणों के संपर्क में सबसे ज्यादा रहती है। इससे चेहरा, हाथ, पैर और गर्दन सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना होती है। ज्यादातर मामलों में 90 प्रतिशत फोटोएजिंग सूरज की UV किरणों के कारण होती है। हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि LED उपकरणों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से उत्सर्जित रोशनी भी फोटोएजिंग के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
सन डैमेज के लक्षण
अगर त्वचा को सूरज के अधिक संपर्क में रहने से सन डैमेज होता है तो इसके कारण झुर्रियां या झाईयां होने लगती हैं। त्वचा का रूखापन और खुरदरापन समेत इसकी लोच को नुकसान पहुंचना भी इसके लक्षण हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो संभावना है कि आपकी त्वचा धूप से क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में किसी त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
सनबर्न, सन पॉइजनिंग और सन डैमेज में अंतर
सनबर्न कम समय के लिए सूरज के संपर्क में आने से त्वचा पर होने वाली जलन या लालिमा का कारण बनता है, जबकि सन पॉइजनिंग त्वचा की एलर्जी हैं, जो लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहने के कारण गंभीर होती हैं। जहां लालिमा, सूजन, खुजली और जलन होना सनबर्न के मुख्य लक्षण हैं, वहीं सन डैमेज होने पर त्वचा पर बढ़ती उम्र के प्रभाव झलकने लगते हैं। इसके अलावा त्वचा पर रूखापन भी बढ़ जाता है।
सन डैमेज से कैसे बचें?
जितना हो सके, धूप से दूर रहें। बाहर जाते समय सुरक्षात्मक कपड़े जैसे टोपी और लंबी बाजू के कपड़े पहनें। बाहर जाने से 15 से 30 मिनट पहले त्वचा पर SPF वाला सनस्क्रीन लगाएं और फिर हर 2 घंटे में दोबारा इसका उपयोग करें। कुछ दवाएं त्वचा को धूप के प्रति संवेदनशील बना सकती हैं, इसलिए इसका ध्यान रखें। खूब पानी पीएं, शिशुओं को सीधी धूप से दूर रखें और टैनिंग बेड का उपयोग न करें।