भ्रम से लेकर याददाश्त जाने तक, दिमाग पर ऐसे असर डालता है कोरोना वायरस
करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना वायरस शरीर के साथ-साथ दिमाग पर भी असर डाल रहा है। भ्रम की स्थिति, सूंघने की क्षमता खोना और व्यवहार में बदलाव आदि ऐसे लक्षण हैं, जो कोरोना के कारण दिमाग पर पड़े असर को दिखाते हैं। हालिया दिनों में कोरोना से ठीक होने वाले कई मरीजों में ऐसे लक्षण देखे गए हैं। कुछ मरीजों में अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान कई गंभीर लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं।
वजह का पता लगाने में जुटे वैज्ञानिक
अस्पताल में इलाज के दौरान कुछ मरीज भ्रमित और उत्तेजित रहते हैं। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें मरीजों को स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज और याददाश्त जाने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वैज्ञानिक इसकी वजह का पता लगाने में जुटे हुए हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट स्टीवंस कहते हैं को वो जिन कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उनमें से आधे से ज्यादा में दिमाग पर पड़े असर के लक्षण देखे जा रहे हैं।
MERS और SARS के मरीजों में भी देखे गए थे ऐसे लक्षण
रॉबर्ट स्टीवन्स ने अपने एक आर्टिकल में बताया है दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों में दिमाग से जुड़ी अलग-अलग परेशानियां देखने को मिल रही हैं। इनमें भ्रम, चेतना का खोना, दौरे, स्ट्रोक, सूंघने और स्वाद की क्षमता चले जाना, सरदर्द, ध्यान लगाने में परेशानी और व्यवहार में बदलाव आदि प्रमुख हैं। वहीं कुछ मामले में इनसे भी गंभीर लक्षण देखने को मिले हैं। ऐसे ही लक्षण SARS और MERS के प्रकोप के समय भी संक्रमित मरीजों में देखे गए थे।
दिमाग पर कैसे असर डालता है कोरोना वायरस?
स्टीवन्स के इस आर्टिकल में अलग-अलग शोध के आधार पर चार तरीके बताए गए हैं कि कोरोना कैसे दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें कहा गया है कि किसी भी अंतिम नतीजे पर पहुंचने से पहले उस पर गहन शोध की जरूरत है।
गंभीर संक्रमण के कारण
आर्टिकल के अनुसार, वायरस के दिमाग में पहुंचने की पहली संभावना गंभीर और अचानक हुए संक्रमण के कारण पैदा होती है। इसमें आगे कहा गया है कि कुछ मामलों में किसी मरीज के सूंघने की क्षमता चले जाना यह संकेत हो सकता है कि वायरस ओलाफैक्ट्री बल्ब के जरिये दिमाग में घुसा है। ओलाफैक्ट्री बल्ब नाक के बिल्कुल ऊपर स्थित होता है और सूंघने से जुड़ी सूचनाओं को दिमाग तक पहुंचाता है।
इन वजहों से भी पड़ता है दिमाग पर असर
दूसरा संभावित तरीका यह हो सकता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई से इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे यह 'मेलाडेप्टिव' रिस्पॉन्स देता है, जो टिश्यू और ऑर्गन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तीसरा तरीका यह हो सकता है कि कोरोना वायरस के कारण तेज बुखार, ऑक्सीजन स्तर का ऊपर-नीचे होना और अंगो का काम करना बंद हो सकता है। इसकी वजह से दिमाग पर असर पड़ता है। कई मामलों में मरीज इससे कोमा में चले जाते हैं।
दिमाग पर असर की एक वजह यह भी
कोरोना वायरस का दिमाग पर असर पड़ने की चौथी वजह स्ट्रोक हो सकती है। अन्य मरीजों की तुलना में कोरोना संक्रमितों के शरीर में खून के थक्के जमने की आशंका ज्यादा होती है। शरीर की किसी नस या फेफड़ो में थक्के जम सकते हैं, जिससे खून का बहाव प्रभावित होता है। अगर इन थक्कों की वजह से दिमाग में जाने वाली कोई नस रूक जाती है तो स्ट्रोक आ सकता है।