ये हैं खान-पान से जुड़ी भारतीय परंपराएं, जिनका आज भी होता है पालन
दुनियाभर के देशों की अपनी अलग-अलग संस्कृतियां, खान-पान और परंपराएं हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। ऐसी ही कुछ परंपराएं और रीति-रिवाजें भारतीय खान-पान से भी जुड़ी हुई हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। इतना ही नहीं, खाने से जुड़ी कुछ भारतीय परंपराएं कहीं-न-कहीं स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं, इसलिए इन्हें अपनाने से हमारी सेहत को ही लाभ मिलता है। ऐसे में आइये आज खान-पान से जुड़ी 5 भारतीय परंपराएं जानते हैं।
हाथ से खाने की परंपरा
हाथ से खाना खाने की परंपरा की जड़ें आयुर्वेद से जुड़ी हैं। जानकारी के मुताबिक, उंगलियां 5 तत्वों का विस्तार है और जब हाथों से भोजन करते हैं तो वो तत्व उत्तेजित होते हैं, जिससे पेट में पाचक रस निकलते हैं और खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इससे न केवल शरीर को बल्कि मन और आत्मा को भी पोषण मिलता है। हालांकि, अब कुछ लोग मॉडर्न तरीके को अपनाते हुए चम्मच से भोजन करना पसंद करते हैं।
थाली से पूरा खाना खत्म करने की परंपरा
भारत में अन्न को देवता मानते हैं, इसलिए इसे थाली में छोड़ना अपमानजनक माना जाता है। यहां थाली में पर्याप्त भोजन लेने और उसे पूरा खत्म करने के नियम का पालन किया जाता है, ताकि खाना बर्बाद न हो। आपने यहां 'उतना ही लो थाली में, जूठा न जाए नाली में' कहावत भी सुनी होगी। इस कहावत का मतलब खाने की बर्बादी को रोकना ही है।
जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा
देश में जमीन पर बैठकर साथ खाना खाने की परंपरा है। इससे स्वास्थ्य को भी कई लाभ मिलते हैं। दरअसल, जमीन पर खाने के लिए जिस अंदाज या मुद्रा में बैठा जाता है उसे योग में सुखासन कहते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी और कमर का हिस्सा मजबूत होता है। हालांकि, अब डाइनिंग टेबल के आने के बाद जमीन पर खाने की परंपरा खत्म-सी हो रही है, लेकिन आज भी कुछ घरों में इसका पालन किया जाता है।
भगवान को भोग लगाने की परंपरा
हिंदू संस्कृति में खुद भोजन करने से पहले भगवान को भोग लगाया जाता है। ऐसा करने के पीछे कई कारण हैं। माना जाता है कि भगवान के लिए खाना बनाते समय व्यक्ति के मन में सद्भाव होता है। यही सद्भाव व्यक्ति को अंदर से खुश रखता है और तनाव को दूर करता है। इसके अलावा भगवान को शुद्ध भोजन का भोग लगाया जाया है, ताकि इंसान भी शुद्ध भोजन खाएं और बीमारियों से दूर रहें।
भोजन के बाद मीठा खाने की परंपरा
भारत में खाना खाने के बाद मीठा खाने की परंपरा भी है। ऐसा माना जाता है कि खाने के बाद मीठा खाने से पाचन सही रहता है। हालांकि, भोजन के बाद सभी मीठे व्यंजन सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। आप भोजन के बाद ऐसी कोई भी मीठी चीजें खा सकते हैं, जो प्राकृतिक चीनी के स्रोत होते हैं। इसमें फल, मेवे और गुड़ जैसी चीजें शामिल हैं। इससे शरीर को कई फायदे मिलते हैं।