'गणपति बप्पा मोरया' मंत्र में 'बप्पा' और 'मोरया' शब्दों का क्या होता है अर्थ?
गणेश चतुर्थी हिंदुओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है, जिसे गणेशोत्सव और विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन भक्त अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। इस त्योहार पर सभी ओर 'गणपति बप्पा मोरया' के जयकारे सुनाई देते हैं। आइए जानते हैं इस मंत्र में 'बप्पा' और 'मोरया' का अर्थ क्या है।
'बप्पा' और 'मोरया' का क्या मतलब होता है?
गणपति बप्पा मोरया में बप्पा शब्द स्नेहपूर्वक कहा जाता है। इस शब्द का प्रयोग अक्सर पिता, चाचा या देवता जैसे किसी प्रिय व्यक्ति को संबोधित करने के लिए किया जाता है। इसी कारण पितातुल्य गणपति बप्पा को संबोधित करने के लिए यह शब्द इस्तेमाल होता है। वहीं, मोरया शब्द मराठी संस्कृति में बहुत महत्व रखता है और अत्यंत सम्मान दर्शाता है। माना जाता है कि मोरया का अर्थ महान राजा या नेता होता है।
कोल्हापुरी बोली में यह होता है मोरया का अर्थ
कोल्हापुरी बोली के अनुसार, मोरया शब्द 'मोहरे' और 'या' शब्दों के संयोजन से बना है। इस बोली में मोहरे का मतलब कृपया और या का मतलब आना होता है। ऐसे में मोरया को एक प्रार्थना के रूप में समझा जा सकता है, जिसके जरिए भगवान गणेश को घर पर आने और अपना आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। जानिए गणेश भगवान को गणेशोत्सव पर क्यों चढ़ाई जाती हैं ये 5 चीजें।
जानिए गणपति बप्पा मोरया कहने का महत्त्व
गणेशोत्सव के दौरान लोग गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाकर उन्हें अपने पास बुलाने का प्रयास करते हैं। बप्पा मोरया कहकर भक्त भगवान गणेश के प्रति अपने स्नेह और प्रेम को व्यक्त करते हैं। इस मंत्र के जरिए विघ्नहर्ता कहलाए जाने वाले श्री गणेश भक्तों के कष्ट हर लेते हैं और उन्हें समृद्धि व खुशियों का आशीर्वाद देते हैं। आप भी इस बार गणेश चतुर्थी के त्योहार पर भगवान गणेश को अपने घर लाते समय यह मंत्र जप सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर चारों तरफ सुनाई देती है इस जयकारे की गूंज
गणेश चतुर्थी के दौरान सभी घरों और सड़कों पर गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई पड़ती है। लोग बप्पा की मूर्ति को घर लाते समय 'गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया' कहते हैं। जब 10 दिनों की पूजा समाप्त हो जाती है, तो भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से वह कैलाश पर्वत लौट जाते हैं। इस दौरान भक्त 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' कहते हैं।
इस तरह से की जाती है बप्पा की पूजा
गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश की पूजा करने के लिए घर को साफ करना चाहिए। घर में मूर्ति का स्वागत करने के बाद भगवान गणेश को दूर्वा घास, फूल, मोदक और फल चढ़ाने चाहिए। आपको बप्पा की मूर्ति को हमेशा एक ऊंचे मंच पर रखना चाहिए। इसके बाद पूरे विधि-विधान और श्रद्धा भाव के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए। आप गणेश जी को घर लेन के लिए ऐसे सजावट कर सकते हैं।