स्ट्रॉबेरी स्किन क्या है? जानिए इसके कारण, इलाज और बचाव के उपाय
स्ट्रॉबेरी स्किन, त्वचा से जुड़ी एक सामान्य स्थिति है, जिसमें त्वचा की ऊपरी परत पर छोटे काले धब्बे नजर आते हैं। ये थोड़े उभरे हुए होते है जो दिखने में स्ट्रॉबेरी जैसे प्रतीत होते हैं। इसलिए इस स्थिति को स्ट्रॉबेरी स्किन कहा जाता है। इसके कारण त्वचा काफी खराब दिखती है लेकिन इसे लेकर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आइए आज हम आपको इसके होने के कारण, इलाज और बचाव के उपाय बताते हैं।
स्ट्रॉबेरी स्किन क्या है?
स्ट्रॉबेरी स्किन तब होती है जब फंसे हुए बाल त्वचा से बाहर निकलने के बजाय वापस मुड़ जाते हैं। यह स्थिति खुजली या चकत्ते का कारण नहीं बनती है, लेकिन पैरों या हाथों पर त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं जो त्वचा पर काले धब्बों की तरह दिखते हैं। स्ट्रॉबेरी की त्वचा आमतौर पर हानि रहित होती है लेकिन शेविंग करने से यह स्थिति और खराब हो सकती है।
स्ट्रॉबेरी स्किन के कारण
शेविंग स्ट्रॉबेरी स्किन के प्रमुख कारणों में से एक है क्योंकि यह रोमछिद्रों को गंदगी, तेल और डेड स्किन सेल्स से बंद कर देती है। पुराने या खराब रेजर से शेविंग करने से स्थिति और खराब हो सकती है। फॉलिक्युलिटिस नामक समस्या भी स्ट्रॉबेरी स्किन की स्थिति उत्पन्न कर सकता है क्योंकि यह त्वचा पर छोटे लाल धब्बों का कारण बनता है जो समय के साथ काले हो जाते हैं। रूखी त्वचा भी इस स्थिति का कारण बन सकती है।
स्ट्रॉबेरी स्किन का इलाज कैसे करें?
अगर आप स्ट्रॉबेरी स्किन से छुटकारा चाहते हैं तो समय-समय पर अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करते रहना जरूरी है। बालों के रोमछिद्रों को साफ करने के लिए सैलिसिलिक एसिड युक्त लीव-ऑन ट्रीटमेंट या क्लींजर का उपयोग करें। ग्लाइकोलिक एसिड और लैक्टिक एसिड जैसे अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड भी त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करने में मदद कर सकते हैं। एक ऐसे क्लींजर का उपयोग करें जो रासायनिक एक्सफोलीएटर समेत हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइजर युक्त हो।
इस स्थिति से सुरक्षित रहने के तरीके
अगर आप स्ट्रॉबेरी स्थिति से बचे रहना चाहते हैं तो रेजर की बजाय एपिलेटर के इस्तेमाल से अपनी त्वचा के अनचाहे बालों को हटाएं। यह त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाता है और आसानी से अनचाहे बालों को हटा देता है। इसके अलावा, प्रिजर्वेटिव-फ्री मॉइस्चराइजर से अपनी त्वचा को रोजाना मॉइस्चराइज करें। त्वचा के अनचाहे बालों को हटाने के लिए आप लेजर थेरेपी का भी सहारा ले सकते हैं।