हर स्टेज और उम्र के हिसाब से महिलाओं के लिए आवश्यक है ये पोषक तत्व
महिलाओं का पोषण उनके जीवन के हर चरण में उत्कृष्ट स्वास्थ्य और अधिकतम जीवन शक्ति की आधारशिला है क्योंकि अपर्याप्त पोषण न केवल महिलाओं के स्वयं के स्वास्थ्य पर बल्कि उनके बच्चों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवन के विशिष्ट बिंदुओं पर महिलाओं के लिए कुछ विटामिन और खनिज बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। चलिए फिर आज महिलाओं की उम्र और स्टेज के हिसाब से जरूरी पोषक तत्वों के बारे में जानते हैं।
किशोरावस्था
आयरन और कैल्शियम किशोरावस्था के दौरान सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं, खासकर जब लड़कियों को पीरियड्स शुरू होते हैं। दरअसल, जब लड़कियों को पीरियड्स शुरू होते हैं तो इसकी वजह से उनके शरीर में आयरन की कमी देखने को मिलती है। ऐसे में उन्हें आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, उनके शरीर को कैल्शियम और आवश्यक अमीनो एसिड जैसे पेप्टाइड्स और स्वस्थ वसा की भी आवश्यकता होती है।
पूर्व गर्भाधान
पोषण विशेषज्ञ की मानें तो एक महिला को गर्भावस्था से पहले अपने शरीर को तैयार करना होता है और इसके लिए प्रोटीन, स्वस्ख वसा और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे आयरन, फोलेट, कैल्शियम और अन्य खनिजों के मिश्रण की आवश्यकता होती है।
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए अपने स्वास्थ्य और पोषण का अत्यधिक ध्यान रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां बात उनके साथ-साथ होने वाले शिशु के स्वास्थ्य से जुड़ी है। बात अगर पोषक तत्वों की करें तो महिलाओं को अपनी इस स्टेज पर विटामिन-B12, फोलेट, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, स्वस्थ वसा और एंटी-ऑक्सिडेंट की आवश्यकता होती है। ये सभी पोषक तत्व न सिर्फ महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं बल्कि बच्चे के संपूर्ण विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
गर्भावस्था के बाद
बात चाहें गर्भावस्था की हो या फिर इसके बाद स्तनपान कराने वाली मां की, उनके लिए कैल्शियम, बायोटिन, विटामिन-A, प्रोटीन, जिंक, इम्युनोग्लोबुलिन, लैक्टोफेरिन, लाइसोजाइम, डब्ल्यूबीसी और सोडियम आवश्यक हैं। इसलिए हर स्तनपान कराने वाली महिला के लिए अपनी डाइट में इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ को शामिल करना जरूरी है ताकि मां का दूध बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखें।
मेनोपॉज
मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह महिलाओं के शरीर में होने वाला एक प्राकृतिक बदलाव है, जो 45 से 55 साल की उम्र में होता है। पीरियड्स का अनियमित या बंद होना, चिड़चिड़ापन और बालों का झड़ना मेनोपॉज के लक्षण हैं। वहीं, वजन बढ़ना भी इसके मुख्य लक्षणों में शामिल है। इस दौरान महिलाओं के लिए मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन-D, प्रोटीन, ओमेगा3 और एंटी-ऑक्सिडेंट आदि सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं।
वृद्धावस्था
इस स्टेज के दौरान शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिए कैल्शियम और विटामिन-D की जरूरत होती है। इसके अलावा, कम फाइबर, ओमेगा 3 और संतृप्त वसा जैसे स्वस्थ वसा वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाकर अपनी डाइट को अपने लिए संतुलित बनाएं। इन पोषक तत्वों के अलावा मैक्रोन्यूट्रिएंट्स भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। स्वस्थ जीवन शैली के लिए हाइड्रेशन और प्रोटीन भी जरूरी हैं।