Page Loader
मनोग्रसित बाध्यता विकार के जोखिम कम करने में सहायक हैं ये प्राणायाम
मनोग्रसित बाध्यता विकार के लिए प्राणायाम

मनोग्रसित बाध्यता विकार के जोखिम कम करने में सहायक हैं ये प्राणायाम

लेखन अंजली
Jan 11, 2022
06:30 am

क्या है खबर?

मनोग्रसित बाध्यता विकार (Obsessive Compulsive Disorder) एक मानसिक बीमारी है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति अपने मन और सोच पर काबू नहीं रख पाता है। अमूमन देखने में आता है कि OCD के रोगी एक ही काम को करने के बारे में बार-बार सोचने लगता है या फिर एक ही काम को बार-बार करने लगता है। हालांकि, कुछ प्राणायाम इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए आज उन्हीं के अभ्यास का तरीका जानते हैं।

#1

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

#2

उद्गीथ प्राणायाम

सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

#3

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#4

सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें। अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें। इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें, फिर सिर को ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें। कुछ मिनट के बाद प्राणायाम छोड़ दें।