शौचालय में ज्यादा देर रहना हो सकता खतरनाक, डॉक्टरों ने समय सीमित करने का किया आग्रह
अगर आप मोबाइल लेकर शौचालय जाते हैं और आधे से एक घंटा वहीं बिता देते हैं तो आपकी यह आदत आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहने से पेल्विक की मांसपेशियां कमजोर, बवासीर सहित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टरों ने शौचालय में 10 मिनट से अधिक समय न बिताने की सलाह दी है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
शौचालय में देर तक रहना नहीं है सामान्य- डॉक्टर जू
यह बात तब सामने आई जब यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के कोलोरेक्टल सर्जन डॉक्टर लाई जू ने बाथरूम से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं वाले रोगियों के बीच एक पैटर्न देखा। डॉ. जू ने CNN को बताया, "मेरे पास आने वाले मरीजों में से कई ऐसे हैं, जो शैचालय में बहुत अधिक समय बिताते हैं। हो सकता है कि कई लोगों के लिए यह सामान्य बात हो, लेकिन इससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है।"
इस कारण शौचालय में ज्यादा देर रहना बढ़ा सकता है परेशानी
डॉ. जू ने आगे कहा कि इसमें गुरुत्वाकर्षण मुख्य कारण हो सकता है, जो न केवल इंसानों को पृथ्वी पर रहने योग्य बनाता है, बल्कि उनके शरीर में खून को हृदय तक पंप करने के लिए अधिक मेहनत भी कराता है। वहीं जब लोग शौचालय की अंडाकार सीट पर अधिक समय तक बैठे रहते है तो इस स्थिति में गुरुत्वाकर्षण पेल्विक फ्लोर पर तनाव बढ़ाता है, जिससे रेक्टल प्रोलैप्स जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
इस तरह बढ़ सकता है बवासीर का खतरा
डॉ जू ने बताया कि रेक्टल प्रोलैप्स से आंत का हिस्सा अपनी जगह से खिसक जाता है, जो एक तरफा वाल्व बनाता है और इससे खून प्रवेश तो करता है, लेकिन वापस नहीं खा सकता है। इसके कारण रक्त वाहिकाओं में सूजन हो सकती है और बवासीर का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शौचालय के समय को सीमित करना स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करना हो सकता है इसलिए इस पर ध्यान दें।
मल त्याग को ऐसे बनाएं सरल
कैलिफोर्निया के एक इंटरवेंशनल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर लांस उराडोमो ने सुझाव दिया है कि शौचालय में फोन, किताबों और पत्रिकाओं को ले जाने से बचें। वहीं डॉ. जू ने कहा है कि मल त्याग को आसान बनाने के लिए अपनी जीवनशैली को सुधारें। इसके लिए शरीर को हाइड्रेट रखें, रोजाना एक्सरसाइज करें, तनाव को नियंत्रित रखें और हाई फाइबर से भरपूर खान-पान वाली चीजें खाएं। अगर इसके बावजूद कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टर से संपर्क करें।