नवरात्रि: उपवास रखने से स्वास्थ्य को मिल सकते हैं ये फायदे
हिंदू धर्म के कई धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार उपवास पर आधारित होते हैं। नवरात्रि भी इनमें से एक हैं। दरअसल, कहा जाता है कि त्योहारों के दौरान उपवास हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने के साथ ही शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का भी एक शानदार तरीका है। इसका कारण है कि उपवास में फल, फलों का जूस, सूखे मेवे और कम कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों का सेवन ज्यादा किया जाता है, जिनसे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।
पाचन को सुधारने में है सहायक
आयुर्वेद के अनुसार, उपवास पाचन अग्नि या भूख को फिर से जगाने का एक प्रभावी तरीका है। आमतौर पर हममें से ज्यादातर लोग भूख लगने का इंतजार नहीं करते, बल्कि अपने तय समय के हिसाब से खाना खाते हैं। भूख वह है, जिससे हमारा शरीर संकेत देता है कि वह भोजन पचाने के लिए तैयार है। भूख लगने से पहले ही भोजन करने से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप तनाव और प्रतिरक्षा स्तर खराब हो जाता है।
शारीरिक सूजन को कर सकता है कम
अगर आप उपवास के दौरान कुछ भी नहीं खाते हैं तो इससे शारीरिक सूजन बढ़ सकती है, लेकिन अगर आप इसके दौरान एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर चीजों का सेवन करते हैं तो इससे शरीर में सूजन कम होती है। यह गठिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी स्थितियों वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यहां जानिए एंटी-इंफ्लेमेटरी का अच्छा स्त्रोत माने जाने वाले खाद्य पदार्थ।
शरीर को डिटॉक्स करने में है कारगर
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी उपवास मदद कर सकता है। शरीर और मन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, इसलिए जब उपवास से शरीर शुद्ध होता है तो मन भी शांत हो जाता है। आप इसके लिए उपवास के दौरान पानी का पर्याप्त सेवन करने समेत एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजों का सेवन कर सकते हैं। अतिरिक्त स्टार्च का सेवन करने से बचें, विशेष रूप से तले हुए आलू। इसके अलावा नारियल पानी या सब्जियों का सूप पीते रहें।
हृदय को स्वस्थ रखने में है मददगार
उपवास से हृदय को स्वस्थ रखने में भी काफी मदद मिल सकती है। इसका कारण है कि कई अध्ययनों में उपवास को रक्त लिपिड प्रोफाइल में सुधार और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में प्रभावी पाया गया है। यह रक्तचाप को कम करने में भी मदद कर सकता है और उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
नींद को सुधारने में भी है कारगर, गंभीर बीमारियों का जोखिम करता है कम
माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान उपवास करने से आध्यात्मिक लाभ होता है क्योंकि यह मन और शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है और भक्तों को अपनी प्रार्थनाओं और पूजा पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। अगर मन और शरीर साफ और शांत रहेगा तो इससे बेहतर नींद को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा उपवास रखने से कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम भी कम हो सकते हैं।