भारतीयों के लिए आसान है कीटो डाइट फॉलो करना, अपनाएं ये टिप्स
कीटो डाइट में कम कार्बस का सेवन करना होता है, जिसका उद्देश्य वजन कम करना और मेटाबॉल्जिम के स्तर को बढ़ाना है। इस डाइट ने भारत में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन कई भारतीय लोगों का मानना है कि इस डाइट में सिर्फ विदेशी खाद्य पदार्थ हैं यानी इसमें भारतीय खान-पान की चीजों के विकल्प कम हैं, जबकि ऐसा नहीं है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि भारतीय किस तरह आसानी से कीटो डाइट फॉलो कर सकते हैं।
कीटो डाइट के लिए भारतीय व्यंजन
भारतीय भोजन करते समय कीटो डाइट को फॉलो करना बहुत आसान है। इसके लिए कुछ स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं। इसमें आप सब्जियों के साथ पनीर या अंडे की भुर्जी, भूने हुए मटन सीक कबाब, चपाती, तरबूज, तरह-तरह के बीज, सूखे मेवे और मशरूम करी आदि शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय कार्बस की मात्रा पर ध्यान दें और अधिक खाने से बचें।
कीटो डाइट में शामिल न करें ये खाद्य पदार्थ
इस डाइट प्लान में चीनी, गुड, शहद, आलू, जिमीकंद, अनाज, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, तली हुई चीजें, चावल, इमली, कार्बोनेटेड पेय आदि का सेवन करने से परहेज होता है। इसके अतिरिक्त, इसमें स्टार्च वाली सब्जियां और उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना भी मना है। कोई भी चीज जो आपके कार्बोहाइड्रेट के सेवन को बढ़ाती है, उसे भी कीटो डाइट में शामिल करना गलत है। कीटो डाइट फॉलो करते समय धूम्रपान और शराब का सेवन करना भी वर्जित है।
ये गलतियां करने से बचें
अत्यधिक स्नैकिंग और ओवरईटिंग करने की गलती न करें क्योंकि इससे शरीर में कैलोरी बढ़ती है, जो वजन बढ़ाने का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त पानी का सेवन करना जरूरी है क्योंकि अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, जो कीटो डाइट के फायदों को कम कर सकता है। पनीर, दही या दूध जैसे डेयरी उत्पादों का भी सेवन करने से बचें क्योंकि ये कीटो डाइट प्लान को बर्बाद कर सकते हैं।
कीटो डाइट के फायदे
कीटो डाइट पर जाने से वजन घटाने समेत कई तरह के फायदे भी मिल सकते हैं। कार्बस का सेवन कम करने से मुंहासे जैसी त्वचा की समस्याओं से राहत मिल सकती है और रक्त शर्करा का स्तर भी कम होता है। बेहतर हृदय स्वास्थ्य के लिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करने के लिए भी यह डाइट बहुत अच्छी है। इसके अतिरिक्त, यह टाइप-2 मधुमेह, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग के जोखिम करने में भी मददगार है।
कीटो के नुकसान
डाइट में कम कार्बस का शामिल होना कुछ लोगों के लिए कब्ज की समस्या उत्पन्न कर सकता है, जबकि वसा के सेवन में वृद्धि से कुछ को दस्त हो सकता है। पानी के वजन में कमी से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स का नुकसान भी होता है, जिससे भारी ऐंठन हो सकती है। इसके साथ ही कम प्रोटीन के सेवन के कारण मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है।