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टाइप 2 मधुमेह की आम दवाइयां बढ़ा सकती हैं हृदय रोग का खतरा, अध्ययन में खुलासा

टाइप 2 मधुमेह की आम दवाइयां बढ़ा सकती हैं हृदय रोग का खतरा, अध्ययन में खुलासा

लेखन सयाली
Jul 25, 2025
01:03 pm

क्या है खबर?

मधुमेह एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई सटीक इलाज अब तक खोजा नहीं गया है। हालांकि, विभिन्न प्रकार की दवाइयों से इसके उपचार में मदद मिल सकती है। इनमें गोलियां और इंसुलिन जैसे इंजेक्शन शामिल होते हैं, जो मधुमेह के प्रकार और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दिए जाते हैं। अब एक अध्ययन से सामने आया है कि आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली टाइप 2 मधुमेह की दवाइयां हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

अध्ययन

टाइप 2 मधुमेह की दवाइयां बनती हैं हृदय रोग का कारण

यह अध्ययन मास जनरल ब्रिघम द्वारा किया गया है, जो बोस्टन में स्थित एक गैर-लाभकारी एकीकृत शैक्षणिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली है। इसके नतीजों को JAMA नेटवर्क ओपन नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। इस नए शोध से पता चलता है कि आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली टाइप 2 मधुमेह की दवाइयां अन्य लक्ष्यों को प्रभावित करने वाली दवाइयों की तुलना में हृदय रोग की उच्च दर से जुड़ी होती हैं।

प्रक्रिया

50 हजार मरीजों का डाटा जुटाकर पूरा हुआ अध्ययन 

अध्ययन के लिए विभिन्न सल्फोनीलुरिया दवाइयों से उपचारित 50,000 रोगियों के आंकड़ों की जांच की गई थी। अध्ययन के लेखक अलेक्जेंडर टर्चिन और उनकी टीम ने बेस्टमेड कंसोर्टियम के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड और बीमा दावों के आंकड़ों का विश्लेषण भी किया। इसमें मधुमेह पीड़ित 48,165 मरीज शामिल थे, जिनका इलाज देशभर में 10 अलग-अलग अध्ययन स्थलों पर हुआ था। इनमें ब्रिघम और महिला अस्पताल (BWH) समेत 2 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत कवर किए गए मरीज भी शामिल थे।

नतीजे

क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?

शोधकर्ताओं ने मधुमेह की प्राथमिक दवा मेटफॉर्मिन के अलावा विभिन्न सल्फोनीलुरिया (ग्लिमेपिराइड, ग्लिपिजाइड या ग्लायबुराइड) या DPP4I से उपचारित रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों के 5-वर्षीय जोखिम का अध्ययन किया। पाया गया कि ग्लिपिजाइड DPP-4 अवरोधकों की तुलना में हृदय गति रुकने, संबंधित अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की उच्च घटनाओं से जुड़ी थी। ग्लिपिजाइड अमेरिका में मधुमेह के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली सबसे आम दवा है।

निष्कर्ष

कौन-सी दवा है सबसे ज्यादा नुकसानदायक?

शोधकर्ताओं ने पाया कि DPP4i की तुलना में ग्लिपिजाइड दवा हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को 13 प्रतिशत तक बढ़ा सकती थी। वहीं, ग्लिमेपिराइड और ग्लायबुराइड के प्रभाव कम स्पष्ट थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस विषय पर अभी और शोध करने की जरूरत है। टर्चिन ने कहा, "हमारा अध्ययन एक विशेष औषधीय वर्ग में प्रत्येक दवा का उसके अपने गुणों के आधार पर मूल्यांकन करने के महत्व को रेखांकित करता है।"