
लिवर की बीमारियों का जोखिम कम कर सकती है आंत की फंगस, अध्ययन में आया सामने
क्या है खबर?
लिवर शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालने, खाना पचाने के लिए आवश्यक पित्त और एंजाइम को बनाने समेत खून की सफाई जैसे कई कार्यों में मदद करता है, लेकिन इस अंग से जुड़ी बीमारियां पूरे शरीर प्रभावित कर सकती है।
हालांकि, एक नए अध्ययन में सामने आया है कि हमारी आंत में एक सहजीवी फंगस होती है, जो लिवर की बीमारियों से लड़ सकती है। फंगस का नाम फ्यूजेरियम फोटेन्स है।
आइए अध्ययन के बारे में विस्तार से जानें।
फंगस
फंगस से इन बीमारियों के जोखिम हुए कम
साइंस की वेबसाइट पर प्रकाशित इस अध्ययन के लिए चीन में शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहों के मॉडल में ये फंगस मेटाबॉलिक डिसफंक्शन- एसोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस य MASH नामक फैटी लिवर रोग को रोकने में प्रभावी थी।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, फंगस के साथ इलाज किए जाने पर MASH जैसी बीमारी वाले चूहों के लिवर में सुधार देखा गया, जिसमें लिवर की सूजन कम होना शामिल है।
अध्ययन
100 प्रतिभागियों के जरिए हुआ अध्ययन
चीन के विभिन्न हिस्सों में 100 लोगों से मल के नमूने इकट्ठे करने के बाद शोधकर्ताओं ने उनकी आंत माइक्रोबायोटा में संभावित रूप से मौजूद फंगस की विभिन्न प्रजातियों को अलग करने और विकसित करने के लिए एक नई विकसित विधि का उपयोग किया।
इससे शोधकर्ताओं को फंगस की 161 विभिन्न प्रजातियां मिलीं।
नमूनों में फ्यूजेरियम फोटेन्स की कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में अनुकूलन करने की क्षमता ने चूहों में आगे के प्रयोगों के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बना दिया।
काम
किस तरह से काम करती है फंगस?
लिवर के स्वास्थ्य के लिए लाभों की पहचान करने के साथ-साथ अध्ययन ने यह भी बताया कि फंगस किस तरह से काम करती है।
ऐसा लगता है कि FF-C1 रसायन सेरामाइड सिंथेस 6 (CerS6) नामक एंजाइम की गतिविधि को कम करती है, जो आंत की परत में रहता है और खून में वसा का उत्पादन करने में मदद करती है।
कम CerS6 का मतलब है कि MASH के शुरू होने या आगे बढ़ने की संभावना कम है।
बयान
इसी तरह के और अध्ययन करना है जरूरी- लेखक
लेखकों ने बताया कि दुनियाभर में लगभग 3 में से 1 व्यक्ति को चयापचय संबंधी शिथिलता-संबंधी फैटी लिवर रोग (MAFLD) हैं, जो स्थितियों का एक समूह है, जिसमें MASH शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि बैक्टीरिया और फंगस के मामले में हमारी आंतें कितनी व्यस्त हैं, यह देखते हुए यह संभावना है कि ऐसी ही कई और खोजें की जानी बाकी हैं, चाहे वे सूक्ष्मजीव हों, जो बीमारी पैदा कर रहे हों या हमें उनसे बचा रहे हों।