स्लीप एपनिया के जोखिम कम करने वाले प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास
स्लीप एपनिया से ग्रासित व्यक्ति को सोते वक्त सांस लेने में मुश्किल होती है और उसकी रात में बार-बार नींद खुलती है। हालांकि, कुछ प्राणायाम स्लीप एपनिया के रोगियों के लिए बेहतरीन हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, प्राणायाम स्लीप एपनिया के जोखिम को कम करने में काफी मदद कर सकते हैं। आइए आज ऐसे ही कुछ प्राणायामों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें, फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलकर प्राणायाम को छोड़े।
उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं और अपनी जीभ को ऊपर तालु से टच करते हुए मुंह के अंदर की ओर मोड़ लें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और गले से आवाज निकालते हुए सामान्य रूप से सांस लें, फिर धीरे-धीरे सांस को गहरा कर लें। ऐसा 10-20 मिनट तक करने के बाद धीरे-धीरे अपनी दोनों आंखों को खोलें और सामान्य हो जाएं।
नाड़ी शोधन प्राणायाम
नाड़ी शोधन प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें, फिर दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें। अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। इस दौरान अपनी दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कु छ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।