साइनस की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
साइनस नाक से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें बंद नाक, सिर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। इससे ग्रसित लोगों का जीवन दवाइयों पर निर्भर होकर रह जाता है। हालांकि, साइनस से ग्रसित लोग चाहें तो योग हस्त मुद्राओं को अपने दिनचर्या में शामिल करके इस समस्या से प्राकृतिक रूप से काफी राहत पा सकते हैं। चलिए आज कुछ ऐसी हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
जल शामक मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर हों। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को कनिष्ठ उंगलियों के ऊपर रखें। बाकी सभी उंगलियां सीधी रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
अपान वायु मुद्रा
अपान वायु मुद्रा के लिए पहले सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां आसमान की ओर हो। इसके बाद अपने हाथों की तर्जनी उंगली को मोड़ते हुए अंगूठे की जड़ से सटाएं, फिर अनामिका और मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे की नोक को दबाएं। इस दौरान छोटी उंगली बाहर की ओर फैलाएं और दोनों आंखें बंद रखें। कुछ देर बाद इस मुद्रा को छोड़ दें।
लिंग मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को पेट के सामने लाकर हथेलियों को मिलाएं और उंगलियों को इंटरलॉक कर लें। इसके बाद अपने बाएं अंगूठे को दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली के बगल से ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि आपका बायां अंगूठा ऊपर उठा हो और दायां अंगूठा और तर्जनी उंगली के साथ घिरा हो। इस मुद्रा में 15 मिनट तक बने रहें और सामान्य रुप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।