मानसून खत्म होने से पहले बनाकर खाएं अजवाइन के पत्तों के पकौड़े, जानें रेसिपी
क्या है खबर?
जैसे ही बारिश होनी शुरू होती है, सभी का दिल चाय और पकौड़े खाने का करने लगता है। आलू, पनीर, गोभी और प्याज के पकौड़े तो हम खाते ही रहते हैं। हालांकि, आज हम आपको खास तरह के पकौड़े की रेसिपी बतांएगे। ये पकौड़े अजवाइन के पत्तों से बनते हैं और इनका स्वाद बहुत लाजवाब होता है। इन्हें आप चटनी, सॉस और चाय के साथ आनंद लेकर खा सकते हैं। मानसून खत्म होने से पहले इन्हें जरूर बनाकर खाएं।
विवरण
किस पौधे के पत्तों से बनते हैं ये पकौड़े?
यह पकौड़े जिस पौधे की पत्तियों से बनते हैं, उसमें असल में अजवाइन नहीं उगती है। हालांकि, उसके पत्तों से अजवाइन जैसी सुगंध आती है और स्वाद भी उसी जैसा होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस पौधे की पत्तियों को कच्चा चबाने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसके कई फायदे हो सकते हैं। हालांकि, पत्तों को कच्चा खाना मुश्किल होता है। इससे बेहतर होगा की आप इनके लजीज पकौड़े बनाकर खा लें।
सामग्री
पकौड़े बनाने के लिए लगेगी ये सामग्री
अजवाइन के पत्तों के पकौड़े बनाने के लिए आपको पहले इस पौधे के ताजे पत्ते तोड़ने होंगे। इसके अलावा इस पकवान को बनाने के लिए कोई अनोखी सामग्री नहीं चाहिए होगी। आप अपने घर की रसोई में मौजूद खाद्य पदार्थों से भी इसे आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको 20 से 25 अजवाइन के पत्तों, एक कप बेसन, लाल मिर्च पाउडर, नमक, हींग, आधा चम्मच हल्दी, एक चुटकी बेकिंग सोडा, चाट मसाला और तेल की जरूरत पड़ेगी।
रेसिपी
इस तरह तैयार करें पकौड़े
अजवाइन के पत्तों के पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में बेसन, चाट मसाला, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, बेकिंग सोडा, नमक और हींग को मिलाएं। इसमें तेल और पानी डालकर चिकना बैटर तैयार कर लें। इसी दौरान अजवाइन के पत्तों को धो कर छोटा-छोटा काट लें या समूचा ही रहने दें। पत्तों को बेसन के घोल में डुबोएं और अच्छी तरह लपेट लें। अब कढ़ाई में तेल गर्म करें और उसमें पकौड़ों को डालकर तल लें।
फायदे
अजवाइन के पत्तों के सेवन से मिलने वाले लाभ
अगर आप अजवाइन के पत्तों को किसी भी तरह से खान-पान में शामिल करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। ये पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाते हैं और गैस आदि की समस्या को दूर करते हैं। इनमें मौजूद थाइमोल कैल्शियम को हृदय में प्रवेश करने से रोकता है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इस पत्तों में पाए जाने वाले थाइमोल और कार्वाक्रोल जैसे एसेंशियल ऑयल बैक्टीरिया को नष्ट करके संक्रमण से बचाते हैं।