क्या फलों के जूस पूरे फलों का विकल्प हो सकते हैं? जानें महत्वपूर्ण बातें
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर जल्दी और आसान विकल्प ढूंढते हैं। ऐसे ही कई लोग सोचते हैं कि फलों का जूस पीना पूरे फल खाने जितना ही लाभकारी होता है। हालांकि, क्या यह सच है? वैसे बता दें कि फलों के जूस और पूरे फलों के बीच पोषक तत्वों का अंतर होता है। आइए जानते हैं कि डाइट में जूस शामिल करना बेहतर है या जूस।
हो सकती है पोषक तत्वों की कमी
फलों के जूस में अक्सर उन पोषक तत्वों की कमी होती है, जो पूरे फल में पाए जाते हैं। दरअसल, जब आप पूरा फल खाते हैं तो आपको उसमें मौजूद फाइबर भी मिलता है, जो पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी होता है। जूस बनाने की प्रक्रिया में ये फाइबर निकल जाता है, जिससे आपको केवल तरल पदार्थ और शक्कर मिलती है। इस वजह से पूरे फल खाने से मिलने वाले फायदे जूस पीने से नहीं मिल पाते।
गड़बड़ा जाती है शक्कर की मात्रा
फलों के जूस में शक्कर की मात्रा अधिक होती है, खासकर अगर वह पैकेज्ड या बाजार से खरीदा गया हो। इसमें प्राकृतिक शक्कर के साथ-साथ अतिरिक्त शक्कर भी मिलाई जाती है, जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके विपरीत पूरा फल खाने से आपको केवल प्राकृतिक शक्कर मिलती है और कोई कृत्रिम तत्व नहीं होते। इस तरह पूरे फल खाने से आप अधिक सुरक्षित और सेहतमंद रहते हैं।
कैलोरी में होता है अंतर
फलों का जूस पीने से आपकी कैलोरी इनटेक बढ़ सकती है क्योंकि एक गिलास जूस बनाने के लिए कई सारे फल इस्तेमाल होते हैं। इसके विपरीत जब आप एक या दो पूरे फल खाते हैं तो आपकी कैलोरी इनटेक नियंत्रित रहती है। इसके अलावा पूरे फल खाने से आपको जल्दी संतुष्टि मिलती है और भूख कम लगती है। यह आपके वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
भूख पर होता है असर
पूरा फल खाने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है। वहीं फलों का जूस पीने से जल्दी भूख लग सकती है क्योंकि इसमें मौजूद तरल पदार्थ तेजी से पच जाते हैं। इसलिए अगली बार जब आप सोचें कि फलों का जूस पीना पूरे फल खाने जितना ही लाभकारी होगा तो इन बातों को ध्यान में रखें। पूरा फल खाना बेहतर विकल्प होता है।