सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा 'ओकरा स्लाइम वॉटर ट्रेंड', इसके बारे में जानें
क्या है खबर?
सोशल मीडिया पर आए दिन न जाने कितनी तरह के ट्रेंड वायरल होते हैं, लेकिन जब ट्रेंड वजन घटाने या पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने से जुड़ा हो तो उसकी तरफ लोगों का ध्यान ज्यादा जाता है।
इसी कड़ी में टिक-टॉक का 'ओकरा स्लाइम वॉटर ट्रेंड' भी शामिल हो गया है। लोगों का कहना है कि इस पेय का सेवन पाचन क्रिया को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
ट्रेंड
ओकरा स्लाइम वॉटर क्या है?
ओकरा स्लाइम वॉटर भिंडी और पानी मिलाकर बनाया जाता है। भिंडी को काटकर पानी में भिगोकर रख दें, कुछ समय बाद भिंडी निकालकर पानी पीएं।
यूनाइटेड किंगडम (UK) के सर्जन, लेखक और टिक-टॉक स्टार डॉक्टर करण रंगराजन ने इस पानी की पेशकश की है और उनका कहना है कि यह पेट के लिए एक बेहतरीन टॉनिक है।
अगर आप इस पानी का नियमित तौर पर सेवन करते हैं तो इसके प्रभाव से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
पाचन
पेट के लिए बहुत फायदेमंद है यह पेय- डॉक्टर रंगराजन
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर रंगराजन ने बताया कि अगर आप भिंडी का पानी पीते हैं तो यह आपके पेट के लिए अच्छा है। इसका कारण है कि भिंडी के अंदर जेल जैसा पदार्थ होता है, जिसे म्यूसिलेज कहा जाता है।
उन्होंने आगे बताया, "म्यूसिलेज घुलनशील आहार फाइबर और प्रीबायोटिक की तरह काम करता है, जो मल त्याग को नियमित कर सकता है। इसके अतिरिक्त इस पेय के सेवन से वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है"
फायदे
भिंडी का पानी पीने से मिलने वाले अन्य लाभ
डॉ. रंगराजन ने कहा कि भिंडी के पानी का स्वाद शायद कई लोगों को अजीब लग सकता है, लेकिन इसका सेवन पाचन को स्वस्थ रखने और वजन प्रबंधन के अलावा खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
इसके अतिरिक्त यह पेय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने और त्वचा की देखभाल करने में भी सहयोग प्रदान कर सकता है। साथ ही इससे शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी पूरी हो सकती है।
अन्य ट्रेंड
इससे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था 'टैडपोल वॉटर ट्रेंड'
ओकरा स्लाइम वॉटर ट्रेंड से पहले 'टैडपोल वॉटर' ट्रेंड काफी ज्यादा वायरल हुआ था।
वैसे तो टैडपोल मेंढक के बच्चों को कहा जाता है, लेकिन इस ट्रेंड में हल्के गर्म पानी में चिया बीज को डालकर कुछ देर छोड़ने के बाद इसमें नींबू का रस मिलाना होता है, फिर उसे पीना होता है।
इसे टैडपोल वॉटर इसलिए नाम मिला क्योंकि पानी में घुमते हुए चिया बीच टैडपोल की तरह लगते हैं।