गर्दन के कूबड़ के इलाज में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
आमतौर पर झुककर बैठने की आदत से पीठ की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे गर्दन पर कूबड़ निकल आता है।
इस समस्या को दूर करने और बैठने की मुद्रा में सुधार करने के लिए कुछ योग का अभ्यास किया जा सकता है।
योग की मदद से आप न सिर्फ गर्दन की समस्या से छुटपारा पा सकते हैं, बल्कि रोग मुक्त शरीर भी प्राप्त कर सकते हैं।
आइए आज इसके लिए पांच योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
#1
भुजंगासन
भुजंगासन के लिए चटाई पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें।
इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। इसके बाद 30 सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
यह योगासन आपको गर्दन के कूबड़ से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा।
#2
धनुरासन
धनुरासन के लिए चटाई पर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने दोनों घुटनों को अपनी पीठ की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को पकड़ें।
इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे।
अब अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें और धीरे-धीरे सांस लेते-छोड़ते रहें। फिर कुछ सेकंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#3
अधोमुखी मार्जरी आसन
सबसे पहले चटाई पर घुटनों के बल नीचे बैठें और फिर अपनी हथेलियों को जमीन पर रखकर घुटनों को बराबर रखें।
इस दौरान पीठ को ऊपर की ओर उठाएं और पहाड़ जैसी संरचना बनाने की कोशिश करते हुए रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
ऐसा करते समय अपने चेहरे को अंदर रखें और घुटनों की तरफ देखें।
कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें और फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
#4
उर्ध्वमुखी मार्जरी आसन
सबसे पहले आप कैट पोज यानी चार पैर वाले जानवर की पोजीशन में आ जाएं।
अब अपनी पीठ को अंदर की ओर धकेलें और ऐसा करते वक्त छत की ओर देखें।
इस मुद्रा में लगभग 30 सेकंड तक खुद को रोक कर रखें और फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
यह आसन आपकी गर्दन और कंधे के आसपास की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है, जिससे यह गर्दन के कूबड़ के खिलाफ प्रभावी हो जाता है।
#5
ताड़ासन
ताड़ासन के लिए सबसे पहले चटाई पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
अब अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें।
अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए एड़ी को उठाएं और शरीर को ऊपर की ओर खीचने की कोशिश करें।
जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें और सांस लेते रहें।
अंत में सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।