कॉफी प्रसंस्करण की इन 5 विधियों से उसके स्वाद में आता है बदलाव, जानिए कैसे
क्या है खबर?
सुबह-सुबह एक कप गर्मा-गर्म कॉफी पीना दिनभर तारोंताजा रहने का बढ़िया तरीका है। यह दुनिया का सबसे मशहूर पेय है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और हमें सक्रीय बना देता है। कॉफी विभिन्न तरीकों से बनाई जा सकती है, लेकिन ज्यादा लोगों को नहीं पता होता कि उसका प्रसंस्करण कैसे किया जाता है। अगर आप कॉफी का असली स्वाद चखना चाहते हैं तो इन 5 प्रसंस्करण विधियों के बारे में जान लें।
#1
प्राकृतिक प्रक्रिया
कॉफी प्रसंस्करण का सबसे पुराना तरीका है 'प्राकृतिक प्रक्रिया', जिसे 'ड्राई प्रक्रिया' भी कहते हैं। इसके दौरान कॉफी वाली चेरी को तोड़कर हफ्तों तक धूप में सुखाया जाता है। जैसे ही फल फरमेंट हो जाता है, चीनी फलियों में रिसने लगती है। सूखने के बाद फलियों का छिलका उतार दिया जाता है। प्राकृतिक प्रसंस्करण कॉफी में फलों और वाइन जैसी सुगंध और स्वाद ले आता है। यह प्रक्रिया इथियोपिया या यमन से शुरू की गई थी।
#2
धुलने वाली प्रक्रिया
धुलने वाली प्रक्रिया कॉफी प्रसंस्करण का एक और मशहूर तरीका है, जिसे गीली प्रक्रिया के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में चेरी को तोड़ने के तुरंत बाद उनका गूदा निकाल दिया जाता है। इसी दौरान उन्हें पानी में भिगोकर उनमें लगा चिपचिपा पदार्थ हटा दिया जाता है। इसके बाद उन्हें धूप में सुखाया जाता है और हर थोड़ी-थोड़ी देर पर पलटा जाता है। कुछ लोग फलियों को धूप के बजाय मशीन से भी सुखाते हैं।
#3
शहद वाली प्रक्रिया
कॉफी प्रसंस्करण की शहद वाली प्रक्रिया से आप समझ रहे होंगे कि इसमें शहद का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ऐसा नहीं होता है। इस प्रक्रिया में सूखने के दौरान चेरी पर एक चिपचिपा तरल पदार्थ लग जाता है। इसके दौरान चेरी का गूदा निकाला जाता है, लेकिन उन पर लगा प्राकृतिक गोंद नहीं हटाया जाता है। इसके बाद फलियों को बिना धोए धूप में सुखाया जाता है। इसका स्वाद ज्यादा मीठा और फलों जैसा होता है।
#4
वेट हुल्ड प्रक्रिया
वेट हुल्ड प्रक्रिया एशिया में इस्तेमाल होने वाली सबसे प्रचिलित प्रक्रिया है। इसके जरिए खास तौर से इंडोनेशिया में कॉफी प्रसंस्करण किया जाता है। इसके दौरान चेरी का गूदा निकालकर कुछ देर के लिए उन्हें फरमेंट किया जाता है। इसके बाद फलियों को उच्च आर्द्रता में छीला जाता है और धूप में रखकर सुखाया जाता है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद कॉफी का स्वाद थोड़ा तीखा और कम एसिडिक हो जाता है।
#5
वाइन वाली प्रक्रिया
वाइन वाली प्रक्रिया सबसे आधुनिक और नई कॉफी प्रसंस्करण विधियों में से एक है। यह काफी हद तक वाइन की फेरमेंटशन प्रक्रिया के समान होती है। इसके दौरान पकी हुई चेरी को बंद टैंकों में रखा जाता है, ताकि वे ऑक्सीजन के संपर्क में न आएं। इसके बाद उन्हें हफ्तों तक फरमेंट होने दिया जाता है। इसके बाद उन्हें सुखाने के लिए कई दिनों तक धूप में रखा जाता है।