
हिमाचल प्रदेश के 5 पारंपरिक लोक नृत्य, जो त्योहारों में बनाते हैं खास माहौल
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे पारंपरिक लोक नृत्य हैं, जो त्योहारों के दौरान विशेष रूप से किए जाते हैं। ये नृत्य न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि संस्कृति और परंपरा को भी जीवित रखते हैं। हिमाचल के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह के नृत्य होते हैं, जो वहां की संस्कृति और जीवनशैली को दर्शाते हैं। आइए आज हम आपको हिमाचल के पांच प्रमुख लोक नृत्य के बारे में बताते हैं।
#1
नाटी
नाटी हिमाचल का सबसे प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह मुख्य रूप से कुल्लू घाटी में किया जाता है। नाटी में लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर समूह में नाचते हैं। इस नृत्य में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल होते हैं और वे हाथों में हाथ डालकर गोल-गोल घूमते हुए नाचते हैं। नाटी का संगीत लोक संगीत के सामान होता है, जिससे यह और भी आकर्षक बन जाता है। यह नृत्य त्योहारों और समारोहों में बहुत लोकप्रिय है।
#2
छानक छाम
छानक छाम एक पारंपरिक नृत्य है, जो मुख्य रूप से किन्नौर जिले में किया जाता है। इस नृत्य में लोग धार्मिक कहानियों को प्रस्तुत करते हैं। छानक छाम में कलाकार भगवान शिव, दुर्गा माता, हनुमान जी आदि देवताओं की कहानियों को अभिनय के माध्यम से दिखाते हैं। इस नृत्य में रंग-बिरंगे कपड़े और मुखौटे उपयोग किए जाते हैं, जो इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। छानक छाम का संगीत भी खास होता है, जो इस नृत्य को जीवंत बनाता है।
#3
डांगी
डांगी नृत्य हिमाचल प्रदेश की एक अनोखी परंपरा है, जो मुख्य रूप से मंडी जिले में किया जाता है। इस नृत्य में लोग लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करते हुए नाचते हैं। डांगी नृत्य में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल होते हैं और वे लकड़ी की छड़ियों को एक-दूसरे से टकराते हुए नाचते हैं। यह नृत्य त्योहारों और समारोहों में बहुत लोकप्रिय है। डांगी नृत्य का संगीत भी खास होता है, जो इसे जीवंत बनाता है।
#4
राक्षस
राक्षस नृत्य हिमाचल प्रदेश की एक अनोखी परंपरा है, जो मुख्य रूप से लाहुल-स्पिति जिले में किया जाता है। इस नृत्य में कलाकार राक्षसों का अभिनय करते हैं, जिन्हें बुराई का प्रतीक माना जाता है। राक्षस नृत्य में कलाकार रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर राक्षसों की कहानियों को प्रस्तुत करते हैं। इस नृत्य का संगीत भी खास होता है, जो इसे जीवंत बनाता है। राक्षस नृत्य हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
#5
झमाकड़ा
झमाकड़ा नृत्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में आयोजित होने वाले मेलों का प्रमुख हिस्सा है। इस नृत्य में लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर समूह में नाचते हैं। यह नृत्य मेलों में बहुत लोकप्रिय होता है और पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। झमाकड़ा नृत्य का संगीत भी खास होता है, जो इसे जीवंत बनाता है। इन सभी पारंपरिक लोक नृत्यों द्वारा हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखा जाता है।