हृदय स्वास्थ्य और बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए रोजाना करें इन 5 प्राणायाम का अभ्यास
क्या है खबर?
बिगड़ती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हृदय स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और लोग तरह-तरह के हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं।
ऐसे लोगों के लिए प्राणायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभदायक हो सकता है।
आइए आज हम आपको 5 ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने समेत शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं।
#1
भस्त्रिका प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठकर दोनों आंखें बंद करें।
अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें और फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए।
कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
#2
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं।
अब दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर कानों के पास लाएं और अंगूठों से दोनों कानो को बंद करें।
इसके बाद हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें।
फिर मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे प्राणायाम को छोड़ दें।
#3
अनुलोम विलोम प्राणायाम
इसके लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और दोनों आंखों को बंद कर लें।
अब दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें।
कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।
#4
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
इसके बाद दोनों आंखों को बंद करें और पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें।
कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।
#5
उद्गीथ प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें।
अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो।
शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।