
हर जानवर के खून का रंग नहीं होता लाल, जानिए अलग रंग वालों के बारे में
क्या है खबर?
क्या आपको लगता है कि सभी जानवरों का खून लाल होता है? ऐसा नहीं है।
कुछ जानवरों का खून लाल नहीं होता है। दरअसल, खून लाल इसलिए नजर आता है क्योंकि वह ऑक्सीजन के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं पर एक विशेष प्रोटीन हीमोग्लोबिन के रूप में मौजूद होता है। कुछ जानवरों का खून तो हरा और नीला भी होता है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसे जानवरों के बारे में बताते हैं, जिनका खून लाल नहीं है।
#1
तितलियां
तितलियां बहुत खूबसूरत दिखती है और उन्हें खूूबसूरत बनाता है, उनके पंखों का रंग, लेकिन उनका खून लाल नहीं होता है। तितलियों का खून रंगहीन होता है। इसका कारण है कि तितलियों के खून में एक खास प्रोटीन पाया जाता है, जो तांबे जैसे खनिज के साथ मिलकर रंगहीन का रूप ले लेता है।
इसके अलावा तितलियों में लाल खून बनाने वाले प्रोटीन की तुलना में रंगहीन खून वाले प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
#2
ऑक्टोपस
ऑक्टोपस का खून नीला होता है क्योंकि इसमें हेमोग्लोबिन की जगह तांबे पर आधारित प्रोटीन होता है।
जब ऑक्टोपस ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो इसके खून का रंग नीला हो जाता है। यह प्रोटीन ऑक्टोपस को ठंडे पानी में जीवित रहने में मदद करता है।
इसके अलावा ऑक्टोपस के खून में तांबा होता है, जो इसे नीला रंग देता है।
#3
केकड़ा
ऑक्टोपस की तरह केकड़े के खून का रंग भी नीला होता है। इसका कारण है कि केकड़ों के खून में नीले रंग का प्रोटीन के साथ-साथ तांबा खनिज की अधिक मात्रा होती है, जो खून का रंग चमकीला नीला कर देता है।
इसके अलावा केकड़ों के खून में ग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो खून का रंग नीला कर देता है। बता दें कि तांबे की अधिक मात्रा के कारण केकड़े के खून का रंग नीला है।
#4
सांप
सांप का खून भी लाल नहीं होता है।
सांप का खून सफेद या हल्के हरे रंग का होता है। इसका कारण है कि सांप के खून में हरे रंग का प्रोटीन के साथ-साथ आयरन नामक खनिज की अधिक मात्रा होती है, जो खून का रंग सफेद या हल्के हरा कर देता है।
इसके अलावा सांप के खून में ग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो खून का रंग सफेद कर देता है।
#5
बिच्छू
बिच्छू का खून भी नीला होता है। इसमें ऑक्सीजन के साथ एक अन्य प्रोटीन जुड़ जाता है, जो इसके खून का रंग नीला कर देता है।
बिच्छू के अलावा यह प्रोटीन अन्य समुद्री जीवों के खून में भी पाया जाता है।
इसके अलावा बिच्छू के खून में तांबा होता है, जो इसे नीला रंग देता है। यह प्रोटीन बिच्छू को ठंडे पानी में जीवित रहने में मदद करता है।