
ये 5 जानवर और समुद्री जीव शरीर के अंगों को उगा सकते हैं दोबारा, जानें कैसे
क्या है खबर?
आमतौर पर अगर किसी इंसान या जानवर का कोई अंग कट जाता है तो वह दोबारा नहीं उगता है, लेकिन कुछ जानवर ऐसे हैं, जिनके शरीर में खासियत होती है, जिससे वे अपने शरीर के अंगों को दोबारा उगा सकते हैं।
इन जानवरों में मौजूद ये खासियत वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का विषय बने हुए हैं।
आइए आज हम आपको उन पांच जानवरों के बारे में बताते हैं, जो शरीर के अंगों को दोबारा उगा सकते हैं।
#1
छिपकली
छिपकली के शरीर का एक हिस्सा काटने पर दोबारा उग सकता है, खासकर छिपकली की पूंछ काटने पर दोबारा उग सकती है।
दरअसल, छिपकली की पूंछ में कई खून की नलिकाएं होती हैं और जब कोई छिपकली अपनी पूंछ खो देती है तो ये नलिकाएं खुद-ब-खुद बंद हो जाती हैं।
इसके बाद कुछ हफ्तों में एक नई पूंछ उगने लगती है, लेकिन यह दोबारा उगी पूंछ सामान्य पूंछ से थोड़ी अलग होती है।
#2
स्टारफिश
स्टारफिश का आकार तारे की तरह होता है और इसकी पांच भुजाएं होती है, लेकिन अगर किसी कारणवश इसके शरीर का कोई हिस्सा कट जाए तो वह उसे दोबारा उगा सकती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि स्टारफिश में मौजूद कुछ खास प्रोटीन के कारण यह संभव है।
हालांकि, किसी व्यक्ति को जान बूझकर स्टारफिश के शरीर का कोई हिस्सा नहीं काटना चाहिए।
#3
केकड़े
केकड़ों में भी कुछ ऐसे गुण होते हैं, जो उन्हें अपने शरीर के हिस्से दोबारा उगाने में मदद कर सकते हैं, खासकर केकड़ों के पंजों को काटने पर भी ये दोबारा उग सकते हैं।
दरअसल, केकड़ों के पंजों को काटने पर कुछ समय के लिए खून निकलता है, फिर कुछ समय बाद ये दोबारा उगने लगते हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखें कि यह केवल कुछ केकड़ों के लिए ही संभव है।
#4
सांप
सांपों के शरीर के कुछ हिस्से काटने पर भी दोबारा उग सकते हैं, खासकर सांपों की पूंछ काटने पर भी दोबारा उग सकती है।
दरअसल, सांपों की पूंछ में भी कई खून की नलिकाएं होती हैं और जब कोई सांप अपनी पूंछ खो देता है तो ये नलिकाएं खुद-ब-खुद बंद हो जाती हैं।
इसके बाद कुछ हफ्तों में एक नई पूंछ उगने लगती है।
#5
जेलीफिश
जेलीफिश जेली के आकार की होती है और इनकी आंखें भी नहीं दिखती हैं, लेकिन ये भी अपने शरीर का कोई हिस्सा कटने पर उसे दोबारा उग सकती है।
हालांकि, यह ध्यान रखें कि जेलीफिश के शरीर का कोई हिस्सा काटना नही चाहिए और ऐसा करने पर जेलीफिश का जहर आपके शरीर में भी आ सकता है।
जेलीफिश की यह विशेषता समुद्री जीवन में इसे खास बनाती है।