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#NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा कितना अहम है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर दौरे पर हैं (फाइल फोटो)

#NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा कितना अहम है?

लेखन आबिद खान
Sep 13, 2025
03:25 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मणिपुर के दौरे पर हैं। 2023 में मैतेई और कुकी लोगों के बीच भड़की हिंसा के बाद यह उनका पहला मणिपुर दौरा है। उन्होंने राजधानी इंफाल और चुराचांदपुर जिले में 8,500 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मणिपुर में हिंसा के बाद विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री से लगातार वहां जाने की मांग कर रही थीं। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री का मणिपुर दौरा कितना अहम है।

दौरा

सबसे पहले जानिए कैसा रहा प्रधानमंत्री का दौरा?

प्रधानमंत्री आज सुबह मिजोरम पहुंचे और वहां से सीधे मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे। मौसम खराब होने के कारण यहां से वे सड़क मार्ग के जरिए चुराचांदपुर गए। वहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया और 7,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसके बाद वे इंफाल लौटे और 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने इंफाल में भी जनसभा को संबोधित किया।

चुराचांदपुर

चुराचांदपुर ही क्यों जा रहे हैं प्रधानमंत्री?

दौरे के दौरान प्रधानमंत्री का चुराचांदपुर जाना भी बेहद अहम है। दरअसल, चुराचांदपुर कुकी समुदाय का गढ़ है। ये जिला हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। यहां कई बार मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़पें हुई हैं। 2023 में हिंसा की शुरुआत भी इसी जगह से हुई थी। यही वजह है कि प्रधानमंत्री चुराचांदपुर जाकर शांति और दोनों समुदायों को एकता का संदेश दिया। उन्होंने दोनों समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की।

अहमियत

कितना अहम है दौरा?

प्रधानमंत्री ने कुकी बहुल चुराचांदपुर और मैतेई बहुल इंफाल का दौरा किया है। ये संदेश है कि सरकार दोनों पक्षों का सम्मान कर रही है। प्रधानमंत्री का इंफाल के कंगला किले में जनसभा को संबोधित करना भी अहम है, क्योंकि यह किला मणिपुर के पूर्व शासकों की पारंपरिक सत्ता का केंद्र रहा है। दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी से पहले आखिरी बार 1988 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी चुराचांदपुर गए थे।

विशेषज्ञ

क्या कह रहे हैं जानकार?

न्यूज18 से इंफाल के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एलएन सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री का यह सराहनीय कदम है। मणिपुर में जो कुछ हुआ है, उससे गहरी दरार पैदा हुई है। इसे भरने में समय लगेगा। यह यात्रा पुनर्निर्माण प्रक्रिया की नींव रखेगी।" चुराचांदपुर के नेता गिंजा वुअलजोंग ने कहा, "प्रधानमंत्री का दौरा ऐतिहासिक है। दिल्ली से कोई नेता आखिरी बार 40 साल पहले आया था। उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में न्याय और सुरक्षित भविष्य की हमारी मांग का समाधान होगा।"

कुकी

क्या कह रहा है कुकी समुदाय?

कुकी-जो समूहों ने प्रधानमंत्री की यात्रा को 'ऐतिहासिक और दुर्लभ' बताया है। कुकी समूहों ने कहा, "सालों से हम मणिपुर से पूर्ण अलगाव की मांग करते आ रहे हैं और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश के रूप में एक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं। यह मांग सुविधा से नहीं, बल्कि हमारे लोगों की शांति, सुरक्षा और अस्तित्व की आवश्यकता से उत्पन्न हुई है। हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री हमारी आवाज, दर्द और आकांक्षाओं को उचित मान्यता देंगे।"

विरोध

प्रधानमंत्री के दौरा का विरोध भी हुआ

प्रधानमंत्री के दौरे से पहले फुंग्यार भाजपा मंडल और मोर्चा के कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने कहा, "हमने पार्टी के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है और परामर्श, समावेशिता और जमीनी स्तर के नेतृत्व के प्रति सम्मान की कमी को प्रमुख कारण बताया है।" दौरे से पहले कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसा की भी खबरें हैं। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि यह केवल दिखावा है और मणिपुर के लोगों को कोई उम्मीद नहीं है।

हिंसा

2 साल से हिंसा में झुलसा है मणिपुर

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई, 2023 को हिंसा शुरू हुई थी, जो आज भी रुक-रुककर जारी है। इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, 1,500 से ज्यादा घायल हुए हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। दबाव के चलते डेढ़ साल बाद 9 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।