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दिल्ली कार धमाके में मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल होने का शक, ये क्या होते हैं?
दिल्ली धमाके में मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल होने का शक है

दिल्ली कार धमाके में मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल होने का शक, ये क्या होते हैं?

लेखन आबिद खान
Nov 12, 2025
03:27 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में एजेंसियां जुटी हुई हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना जताई जा रही है कि इस धमाके में मिलिट्री ग्रेड विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया है। धमाके से ठीक पहले फरीदाबाद और अन्य ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी ने इस संभावना को और बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक क्या होते हैं।

विस्फोटक

क्या होते हैं मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक?

मिलिट्री-ग्रेड विस्फोटक वे रसायन होते हैं, जो तेजी से ऊर्जा छोड़ते हैं, जिसके चलते धमाका होता है। इन्हें 'हाई एक्सप्लोसिव' भी कहा जाता है। आमतौर पर सेना इन्हें बम, तोपों, मिसाइलों आदि हथियारों में इस्तेमाल करती है। इसके अलावा किसी इमारत या ढांचे को गिराने और खदानों में धमाका करने में भी इनका इस्तेमाल होता है। आतंकी कुछ अन्य रसायनों में भी छेड़छाड़ कर उनसे घातक विस्फोटक तैयार कर लेते हैं।

PETN

केवल गर्मी या झटके से फट जाता है PETN 

PETN यानी पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट। इसे सबसे शक्तिशाली विस्फोटकों में गिना जाता है। रंगहीन क्रिस्टलीय रूप के चलते इसे पहचानना मुश्किल होता है, यही वजह है कि आतंकवादी समूह इसका इस्तेमाल करते हैं। केवल 100 ग्राम PETN ही एक कार को नष्ट कर सकता है। PETN को अधिक घातक बनाने वाली खासियत है कि ये अपने आप में ही एक विस्फोटक होता है और गर्मी या झटके से फट सकता है।

RDX

कई आतंकी घटनाओं में हुआ RDX का इस्तेमाल

RDX भी एक सैन्य श्रेणी का विस्फोटक है, जो अपनी शक्तिशाली विस्फोट शक्ति के लिए जाना जाता है। दुनियाभर की सेनाएं इसका इस्तेमाल करती हैं। ज्यादा विस्फोटक क्षमता और संभालने में आसानी के कारण RDX का आतंकी हमलों में इस्तेमाल आम है। भारत से लेकर मध्य-पूर्व के देशों में भी आतंकियों ने RDX का इस्तेमाल किया है। 1993 के बंबई धमाके, 2006 के मुंबई ट्रेन धमाके और 2008 के जयपुर धमाकों में RDX का इस्तेमाल किया गया था।

TNT

TNT और HMX भी हैं घातक विस्फोटक

TNT का पूरा नाम ट्राइनाइट्रोटोल्यूईन है। ये पानी में घुलता नहीं है और इसका गलनांक भी कम होता है, जिससे इसे दूसरे रसायनों के साथ मिलाना आसान हो जाता है। यही वजह है कि आतंकी भी इसका इस्तेमाल करते हैं। एक किलो TNT 1.5 मीटर गहरा गड्ढा कर सकता है। HMX यानी साइक्लोटेट्रामिथाइलीनट्रामाइन। ये बेहद घातक होता है और इसकी चपेट में आने से हड्डी टूट सकती है या आंतरिक रक्तस्त्राव हो सकता है।

दिल्ली

दिल्ली धमाके में ANFO इस्तेमाल होने का शक

एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली धमाके में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) का इस्तेमाल हुआ है। एक किलोग्राम ANFO के धमाके से 5-7 मीटर व्यास का गड्ढा हो सकता है। दरअसल, अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल खाद बनाने में होता है। इस वजह से ये आसानी से उपलब्ध है। ये अपनेआप में एक विस्फोटक नहीं है, लेकिन इसे डीजल या किसी दूसरे ईंधन के साथ मिलाकर विस्फोटक बनाया जा सकता है।