
आपराधिक कानूनों में बदलाव: यौन हिंसा में पीड़िता का बयान अनिवार्य, मौत की सजा का प्रावधान
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए 3 विधेयक पेश कर कहा कि इनसे जनता को पुलिस अत्याचार से मुक्ति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यौन हिंसा के मामले में पीड़िता का बयान अनिवार्य होगा और पुलिस को 90 दिन में स्थिति रिपोर्ट देनी होगी। साथ ही रेप के आरोप में वीडियो में रिकॉर्ड बयान अनिवार्य किया गया है।
देश में मामूली अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा की सजा भी शुरू की जाएगी।
कानून
18 साल के कम उम्र की महिला से रेप पर मौत की सजा
हिंदुस्तान के मुताबिक, शाह ने कहा कि इन विधेयकों के अंतर्गत मॉब-लिंचिंग, आतंकवाद और महिलाओं के खिलाफ अपराध को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इनका सख्ती से निपटारा होगा।
उन्होंने कहा कि गैंगरेप पर 20 साल की सजा और 18 साल से कम उम्र की किसी महिला से रेप पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
शाह ने बताया कि पुलिस 90 दिन में आरोपपत्र दाखिल करेगी और सिर्फ अदालत ही उसे 90 दिन बढ़ा सकती है।
प्रावधान
देश की सभी अदालतों को कंप्यूटरीकृत करने की योजना- शाह
शाह ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2027 तक देश की सभी अदालतों को कंप्यूटरीकृत करने की योजना है। साथ ही उन्होंने बताया कि जीरो FIR भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो आजादी के बाद पहली बार होगा।
शाह ने बताया कि जिस अपराध में 7 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, उसमें फॉरेंसिक टीम का घटनास्थल पर पहुंचना जरूरी होगा। हालांकि, विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि देश इसके लिए तैयार नहीं है।