कोरोना के इलाज में बंद हो सकता है रेमडेसिवीर का इस्तेमाल- गंगा राम अस्पताल प्रमुख
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के इलाज से प्लाज्मा थैरेपी को हटाए जाने के बाद अब एंटी-वायरल दवा रेमडेसिवीर को भी इस सूची से हटाया जा सकता है।
दिल्ली स्थित गंगा राम अस्पताल के प्रमुख डॉ डीएस राणा ने कहा कि रेमडेसिवीर के कोरोना के इलाज में प्रभावी होने पर संदेह हैं और जल्द ही इसे हटाए जाने पर फैसला हो सकता है।
गौरतलब है कि इस दवा को लेकर भारी मारामारी मची हुई है और इसकी कालाबाजारी भी हो रही है।
पृष्ठभूमि
पिछले साल से हो रही इस्तेमाल
रेमडेसिवीर को कोरोना महामारी फैलाने वाले वायरस के खिलाफ एक प्रभावी दवा बताया गया था। पिछले साल अक्टूबर में इसे अमेरिका में कोरोना के इलाज के इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली थी। ऐसी मंजूरी पाने वाली यह पहली दवा थी।
तब कहा गया था कि यह दवा कोरोना मरीजों को जल्द ठीक होने में मदद करती है। भारत में महामारी की दूसरी लहर आने के बाद इसकी आपूर्ति कम होने के कारण मांग आसमान छू गई थी।
बयान
रेमडेसिवीर के प्रभावी होने के सबूत नहीं- डॉ राणा
समाचार एजेंसी ANI ने बात करते हुए डॉ राणा ने कहा, "अगर हम कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की बात करें तो ऐसा कोई सबूत नहीं है कि रेमडेसिवीर इलाज में मदद करती है। जो दवाएं काम नहीं करती, उनको बंद कर दिया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि उन सभी प्रयोगात्मक दवाओं और प्लाज्मा थैरेपी आदि को बंद कर दिया जाना चाहिए, जिनके इलाज में मदद करने के कोई सबूत नहीं हैं।
बयान
प्लाज्मा थैरेपी से नहीं होता था फायदा- डॉ राणा
प्लाज्मा थैरेपी के बारे में बात करते हुए डॉ राणा ने कहा कि इस थैरेपी से मरीज की सेहत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। साथ ही यह आसानी से उपलब्ध भी नहीं होता है।
उन्होंने कहा, "वैज्ञानिक आधार पर प्लाज्मा थैरेपी शुरू की गई थी और अब सबूत मिलने पर इसे बंद कर दिया गया है।"
बता दें कि इसी सप्ताह सरकार ने प्लाज्मा थैरेपी को कोविड क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला लिया है।
जानकारी
इन मानदंडों के आधार पर हो रहा था प्लाज्मा का उपयोग
बता दें कि भारत में अभी तक प्लाज्मा थैरेपी के ऑफ-लेबल उपयोग की मंजूरी थी। ऑफ-लेबल शब्द का मतलब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके फायदों को लेकर आश्वस्त नहीं थे।
डॉक्टरों को दो मानदंडों की पूर्ति पर ही इसका इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी। पहला बीमारी के पहले सात दिन के अंदर ही इसका उपयोग करना था और दूसरा केवल एंटीबॉडीज की उच्च संख्या वाले प्लाज्मा का ही इस्तेमाल करना था।
कोरोना वायरस
देश में क्या है महामारी की स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना के 2,67,334 नए मामले सामने आए और 4,529 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद देश में एक दिन में हुई ये सबसे ज्यादा मौतें हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,54,96,330 हो गई है। इनमें से 32,26,719 सक्रिय मामले हैं और 2,83,248 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
बीते सप्ताह से देश में महामारी के कारण बनी स्थिति सुधरने के शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं।