
अमेरिकी टैरिफ पर कोर्ट ने लगाई रोक, भारत के लिए क्या है राहत की बात?
क्या है खबर?
अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार कोर्ट से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि अमेरिका का अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति को हर देश पर टैरिफ लगाने का एकतरफा अधिकार नहीं देता है।
ट्रंप ने भारत पर भी 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इस वजह से इस कदम भारत के लिए राहत भरा माना जा रहा है।
कोर्ट
कोर्ट ने क्या कहा?
टैरिफ के खिलाफ कोर्ट में 2 मुकदमे दायर किए गए थे। एक मुकदमा 4 कंपनियों ने मिलकर दायर किया था तो दूसरा 12 राज्यों ने।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "व्हाइट हाउस ने इस मामले में पूरी तरह कानून के खिलाफ काम किया है। टैरिफ के आदेश राष्ट्रपति को हासिल किसी भी अधिकार से ज्यादा हैं। संविधान अन्य देशों के साथ व्यापार को विनियमित करने का विशेष अधिकार देता है और यह आपातकालीन शक्तियों से प्रभावित नहीं होता।"
भारत
फैसले से भारत पर क्या असर?
ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसे लेकर दोनों देशों के बीच व्यापार सौदे पर बातचीत चल रही है।
अमेरिका भारत से कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी कई रियायतें चाह रहा है। अब कोर्ट के आदेश के बाद ट्रंप की एकतरफा टैरिफ लगाने की क्षमता पर संदेह पैदा हो गया है। इससे भारत पर बातचीत के दौरान पारस्परिक टैरिफ को लेकर दबाव कम हो गया है।
रिपोर्ट
क्या कह रहे हैं जानकार?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए विशेषज्ञों ने कहा, "पारस्परिक टैरिफ पर रियायतें अब विचाराधीन नहीं हैं, इसलिए भारत अब व्यापार समझौते के तहत अमेरिका से अपने माल के लिए बेहतर बाजार पहुंच की मांग कर सकता है और घरेलू चिंताओं को दूर करने के लिए डेटा स्थानीयकरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अपने रुख को फिर से बदल सकता है।"
ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत न रियायतें नहीं दीं तो वह 50 प्रतिशत टैरिफ लागू करेंगे।
समझौता
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी
टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के भारत और अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले महीने तक इस संबंध में एक अंतरिम समझौता हो सकता है।
हाल ही में भारत के वाणिज्य सचिव के नेतृत्व में एक टीम ने अमेरिका का दौरा किया था। अगले महीने बातचीत के लिए अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आ सकता है। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हो चुके हैं।