
नगा संगठन ने बंद किया राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ रोकने की मांग
क्या है खबर?
मणिपुर में केंद्र सरकार की चिंता खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों काफी बातचीत के बाद बंद पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) को शुरू किया गया था, जिसे अब नगा संगठन ने फिर बंद कर दिया है। मणिपुर की नागा जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुक्त नगा परिषद (UNC) ने केंद्र के फैसले के विरोध में 'व्यापार प्रतिबंध' शुरू किया है। UNC का कहना है कि नाकेबंदी से व्यावसायिक ट्रकों को गुजरने की अनुमति नहीं मिलेगी।
मांग
क्या है UNC की मांग?
UNC ने फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) को समाप्त करने और 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि बाड़ लगाने और FMR हटाने से मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और म्यांमार में नागा जनजातियां विभाजित होंगी, जिससे उनकी सांस्कृतिक पहचान और पैतृक संबंधों को खतरा है। UNC कई अपीलों और 26 अगस्त को गृह मंत्रालय के साथ असफल बैठक के बावजूद केंद्र द्वारा उनकी चिंताओं पर प्रतिक्रिया न देने से भी नाराज है।
बाधा
मार्ग बंद करने से क्या होगा नुकसान?
UNC ने राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) और NH-37 के नगा-बहुल इलाकों में ट्रकों को रोका है। इससे सेनापति, उखरुल और तामेंगलोंग प्रभावित होंगे। साथ ही मणिपुर के अन्य हिस्सों, जिनमें मध्य घाटी और दक्षिणी कुकी बहुल पहाड़ी क्षेत्र की आपूर्ति लाइनें बाधित होंगी। नाकेबंदी के बाद इंफाल घाटी में बिजली की कमी को लेकर चिंता बढ़ गई है। UNC ने इसे शांतिपूर्ण विरोध बताया है और इसमें सभी का सहयोग मांगा है।
जानकारी
मणिपुर जा सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में हिंसा के 2 साल बाद शनिवार को मणिपुर जाने की योजना बना रहे हैं। वे यहां कई बैठकें करसकते हैं। बता दें कि बाड़ परियोजना पर 31,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।